नई दिल्ली, 22 फरवरी (आईएएनएस)। ऐडवांस्ड मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन (एडवामेड) ने आगामी बजट के मद्देनजर मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया जाना आवश्यक है। चिकित्सा उपकरणों के लिए पृथक विनियामक ढांचा होना चाहिए।
एसोसिएशन इस बात को लेकर आशान्वित है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट में बेहतर जीवनशैली के लिए रोगियों को नवीनतम थेरेपी की उपलब्धता में वृद्धि करने के लिए मेडटेक क्षेत्र को आवश्यक समर्थन प्रदान करेंगे।
एसोसिएशन ने कहा कि उसे आशा है कि वित्त मंत्री द्वारा उठाए जाने वाले प्रोत्साहनकारी कदमों से आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की सहज उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिसमें स्टेंट्स, नी व हिप रीप्लेसमेंट के लिए ऑथोर्पेडिक इम्प्लांट्स एवं डाइग्नोस्टिक्स शामिल हंै।
भारत सरकार द्वारा चिकित्सा उपकरणों को ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन के अंतर्गत प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में चिन्हित किए जाने की घोषणा पर एसोसिएशन ने कहा कि यह क्षेत्र अब भी आयात पर बहुत अधिक निर्भर करता है और वर्तमान समय में इसकी मांग का तीन-चैथाई हिस्सा आयात से पूरा होता है।
आगामी केंद्रीय बजट में एसोसिएशन की मांग है कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया जाना आवश्यक है। चिकित्सा उपकरणों के लिए पृथक विनियामक ढांचा होना चाहिए। हालांकि चिकित्सा उपकरणों को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट के दायरे में लाने के लिए संशोधन प्रस्तावित है, लेकिन इस प्रस्तावित संशोधन को अभी तक संसद की मंजूरी नहीं मिली है। सरकार ने चिकित्सा उपकरणों के लिए एक अलग विभाग के सृजन का भी संकेत दिया है।
एसोसिएशन की मांग है कि आयात शुल्क को कम करना चाहिए। चूंकि डिवाइसेज एवं उपकरणों का स्थानीय निर्माण अब भी विकास के चरण में है, इसलिए सरकार को शुल्कों में वृद्धि कर निर्यात को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए। इससे देश में चिकित्सा उपकरणों की सहज उपलब्धता पर प्रभाव पड़ेगा।
एसोसिएशन के मुताबिक चिकित्सा डिवाइसेज एवं उपकरणों के स्वदेश में निर्माण को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके लिए निमार्ताओं एवं उनके उत्पादों पर कर छूट उपलब्ध कराने जैसे आर्थिक प्रोत्साहनो की आवश्यकता है।