कोलकाता, 28 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा 100 से अधिक इसाइयों का धर्मातरण कराया गया है।
राज्य में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के विधायक आशीष बनर्जी ने दावा किया कि बुधवार को विहिप ने खुरमादाना गांव में धर्मातरण समारोह का आयोजन किया था। इस समारोह में 100 से ज्यादा ईसाइयों का धर्मातरण कराया गया।
शिक्षा राज्य मंत्री बनर्जी ने कहा, “खुरमादाना गांव में धर्मातरण समारोह का आयोजन किया गया था। हमने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है और हमारे वरिष्ठ नेता इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने पर चर्चा कर रहे हैं।”
राज्यसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक डेरेक ओ ब्रायन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ब्योरे की जांच करने में जुटी है और ‘जबरन धर्मातरण का कोई संकेत भी मिलता है तो हम जितना संभव होगा उतनी कठोरता से निपटेंगे।’
ओ ब्रायन ने ट्वीट किया है, “बंगाल का सांप्रदायिक सौहार्द के साथ रहने का लंबा इतिहास रहा है और (प्रवीन) तोगड़िया जैसे धर्माध से कठोरता से निपटा जाएगा। हमें यह कहना है कि यदि जबरन धर्मातरण का कोई संकेत भी मिलता है तो मुद्दे को यथासंभव कठोरता से निपटा जाएगा।”
आरोप से इनकार करते हुए विहिप के संगठन सचिव सचिंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि यह एक धार्मिक समारोह था न कि ‘घर वापसी’ था। घर वापसी शब्द ही धर्मातरण समारोह के लिए अब इस्तेमाल किया जाता है।
सिन्हा ने आईएएनएस से कहा, “धर्मातरण कराने का आरोप झूठा है। यह ‘घर वापसी’ नहीं बल्कि धार्मिक समारोह था जिसमें कुछ ईसाई परिवारों सहित अधिकांश गांव वासियों ने भाग लिया। हमने सदैव से हिंदू धर्म में लौटने की इच्छा रखने वालों का स्वागत किया है।”
समारोह में भाग लेने वाले कई लोगों ने हालांकि दावा किया कि उन्होंने स्वैच्छिक रूप से हिंदू धर्म अपनाया।
एक महिला ने समाचार चैनल से कहा, “वहां कोई दबाव नहीं था। मैं ईसाई थी और अब अपनी इच्छा से हिंदू धर्म को स्वीकार किया है।”