कोलकाता, 15 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में साथी डॉक्टरों पर हमलों के खिलाफ और उपयुक्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार पांचवें दिन शनिवार को भी जारी है, जिसके कारण राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं आंशिक रूप से बाधित हैं।
हड़ताली डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से शुक्रवार रात आए बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। बनर्जी ने डॉक्टरों को नबन्ना स्थित राज्य सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया था। डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे कि उन्हें डॉक्टरों की शिकायतें सुनने के लिए आंदोलन स्थल एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल आना होगा और उन पर झूठे आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी होगी।
डॉक्टरों ने कहा कि एनआरएस समेत सभी सरकारी अस्पतालों में वाह्य-रोगी विभाग हालांकि बंद रहे, लेकिन आपातकालीन सेवाएं शनिवार को सुचारु हैं।
पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम के अध्यक्ष अर्जुन सेनगुप्ता ने आईएएनएस से कहा, “जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल अभी भी जारी रखी है। हालांकि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन सेवाएं संचालित हैं। प्रदेश सरकार से किसी बैठक के संबंध में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है।”
इसी बीच, वर्तमान गतिरोध का कोई संभावित समाधान निकालने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष शांतनु सेन ने शुक्रवार को एनआरएस हॉस्पिटल में वरिष्ठ डॉक्टरों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
हड़ताली डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने हालांकि दावा किया कि सेन प्रदेश की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं, तो इस बैठक में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आ सकता।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर एक डॉक्टर ने कहा, “वह तृणमूल कांग्रेस के करीबी हैं, जिसने डॉक्टरों के आंदोलन को कई बार कुचलने का प्रयास किया। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि वह हमारी समस्याओं को सामने लाने की कोशिश करेंगे।”
कोलकाता और अन्य जिलों के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा शुक्रवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के बाद, कल्याणी के जवाहरलाल नेहरू स्मृति अस्पताल के 34 डॉक्टरों ने इस आंदोलन के समर्थन में शनिवार को अपना इस्तीफा दे दिया।
सुकुमार बनर्जी की अगुआई में पांच वरिष्ठ डॉक्टरों ने शुक्रवार शाम नबन्ना में बनर्जी से मुलाकात की और उन्हें राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह ध्वस्त करने वाले गतिरोध को खत्म करने के लिए मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा।
उनके आग्रह के बाद, मुख्यमंत्री सचिवालय ने हड़ताल करने वाले डॉक्टरों के चार सदस्यों को बात करने के लिए बुलाया, और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक प्रदीप मित्रा बात करने के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल गए, लेकिन मेडिकल छात्रों ने कहा कि वे इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए महासभा की बैठक आयोजित करेंगे।