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 बंगाल में गीत और संगीत के जरिये राजनीति | dharmpath.com

Wednesday , 27 November 2024

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बंगाल में गीत और संगीत के जरिये राजनीति

कोलकाता, 5 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में गीत और संगीत की भी लोकसभा चुनाव में खास भूमिका दिख रही है। और, कला के इस मैदान में भी मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच ही दिख रहा है।

कोलकाता, 5 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में गीत और संगीत की भी लोकसभा चुनाव में खास भूमिका दिख रही है। और, कला के इस मैदान में भी मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच ही दिख रहा है।

तृणमूल के द्वारा तैयार गीतों में लोगों, विशेषकर युवा मतदाताओं व महिलाओं को आकर्षित करने का प्रयास दिखता है। इन गीतों में राज्य सरकार की उपलब्धियों और केंद्र सरकार की नाकामियों का जिक्र है।

तृणमूल के नए थीम गीत मा माटी मानुष या ताजा वीडियो मायेर नीति में महिला सशक्तीकरण की बात की गई है और कहा गया है कि हिंसा की राजनीति की वजह से पूरे देश में मानवता रो रही है। गानों में भाजपा या किसी नेता का नाम लिए बगैर कहा गया है कि वे (केंद्र सरकार) अपनी बातों पर खरे नहीं उतरे और केवल खोखले वादे करते हैं।

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री, बॉलीवुड गायक व भाजपा उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो अपने गाने में सीधे कह रहे हैं कि तृणमूल बंगाल से जाएगी और कमल खिलेगा।

भाजपा के थीम गीत को सुप्रियो ने संगीतबद्ध किया है। इसकी एक झलक ही इंटरनेट पर धूम मचा गई लेकिन चुनाव आयोग से पूर्व प्रमाणपत्र नहीं लेने की वजह से यह गीत विवादों में भी आया। आयोग की आपत्ति के बावजूद इसे कई चुनावी सभाओं में बजाया गया।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने आईएएनएस से कहा, “गीत ने एक हलचल मचा दी और ऐसा कर यह अपने मकसद में कामयाब रहा। लोगों की आंख के सामने शारदा, नारदा, रोज वैली जैसे घोटाले हुए। इसलिए हमने सीधे इनका नाम लिया।”

वीडियो बनाने में होने वाली मानसिक कवायद के बारे में तृणमूल कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के सह-संयोजक कर्नल (सेवानिवृत्त) दिप्तांगशु चौधुरी ने कहा, “अभिषेक बनर्जी सोशल मीडिया टीम का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन गानों के विचार हमारी पूरी टीम की तरफ से आते हैं जिसमें मैं खुद और डेरेक ओ ब्रायन भी शामिल हैं। बहुत से विचार, विशेषकर गीत मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) ने दिए और सभी इससे मिली प्रतिक्रिया से खुश हैं।”

राजनैतिक विश्लेषक बिमल शंकर नंदा ने कहा, “अगर प्रचार की रणनीति को देखे तो पाएंगे कि भाजपा और तृणमूल, दोनों कभी आक्रामक होती हैं तो कभी रक्षात्मक। अगर एक अपनी उपलब्धियां गिनाती है तो दूसरी भ्रष्टाचार का जिक्र कर लोगों को विकल्प पेश करने की बात करती है। लोगों तक बात पहुंचाने में गीत-संगीत से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता।”

कांग्रेस की बंगाल इकाई पार्टी के राष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल हो रहे थीम गीत ‘मैं ही तो हिन्दुस्तान हूं’ का इस्तेमाल कर रही है लेकिन बंगाली मतदाताओं से संबंध बनाने के लिए बांग्ला भाषा में भी उसने कुछ गीत कंपोज किए हैं।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ‘वोट4लेफ्ट’ हैशटैग के साथ लोगों की समस्याओं को उठा रही है।

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