लंदन, 9 अक्टूबर – साहित्य के क्षेत्र में इस साल के नोबेल पुरस्कार के लिए फ्रांसीसी लेखक पैट्रिक मोदियानो को चुना गया है। इसकी घोषणा गुरुवार को की गई। नोबेल अकादमी के स्थायी सचिव पीटर इंगलुंड ने स्टॉकहोम में एक छोटे से समारोह में उनके नाम की घोषणा की।
समारोह को संबोधित करते हुए इंगलुंड ने कहा, “फ्रांस में मोदियानो एक जाना-पहचाना नाम है, लेकिन अन्य जगहों पर नहीं। वह बच्चों के लिए किताबें, सिनेमा की पटकथा लिखते हैं। लेकिन मूलत: वे उपन्यास लिखते हैं। उनका विषय स्मरण, पहचान और समय होता है।”
नोबेल कमेटी ने उन्हें पुरस्कार देते हुए कहा, “जिस तरीके से उन्होंने यादों को प्रस्तुत किया है, उससे उन्होंने पकड़ी नहीं जा सकने वाले इंसानी भावनाओं को दिखाया है और जीवन को खोला है, पेशेवर दुनिया को भी।”
कमेटी ने कहा कि फ्रांसीसी लेखक “हमारे समय के मार्सेल प्रोस्ट हैं।” मार्सेल प्रोस्ट फ्रांस के मशहूर उपन्यासकार थे। ‘इन सर्च ऑफ लॉस्ट टाइम’ नाम का उनका उपन्यास करीब चार हजार पेज का है और उसमें दो हजार से ज्यादा चरित्र हैं।
मोदियानो मूलत: फ्रेंच भाषा में लिखते हैं और इनकी पुस्तकों का अनुवाद स्वीडिश भाषा में काफी हुआ है।
अंग्रेजी में भी कुछ उपन्यासों का अनुवाद हुआ है। मोदियानो की पहली किताब ‘ला प्लास द लितुआल’ 1968 में प्रकाशित हुई और इस किताब का कोई अंग्रेजी अनुवाद नहीं किया गया है।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप में और फ्रांस के जर्मनी के कब्जे में होने के बाद यहूदी पहचान के बारे में उन्होंने काफी लिखा है।
पैट्रिक (69) ने अब तक दो दर्जन से ज्यादा किताबें और कई सारी पटकथाएं लिख चुके हैं।
साहित्य के क्षेत्र में 11वां नोबेल पुरस्कार पाने वाले पैट्रिक इससे पहले ग्रैंड प्रिक्स डु रोमन डे आई एकेडमी फ्रेंकाइस, द प्रिक्स गॉनकोर्ट, द प्रिक्स मोंडियाल सीनो डेल डुका (2010) और द ऑस्ट्रेलियन स्टेट प्राइज फॉर यूरोपीयन लिटरेचर (2012) जैसे पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
मोदियानो वर्तमान में पेरिस में रहते हैं और शायद ही कभी मीडिया में आते हैं।