इस्लामाबाद, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान के अग्रणी समाचार पत्र डॉन का मानना है कि मुस्लिम राष्ट्रों का संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) बीते पांच दशकों में कुछ भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल नहीं कर सका है और अब इसके सामने इसकी बची-खुची प्रासंगिकता खोने का खतरा भी पैदा हो गया है।
डॉन ने अपने संपादकीय में लिखा है, “अपने पांच दशक लंबे जीवन में संगठन (ओआईसी) राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक जैसे किसी भी क्षेत्र में शायद ही कोई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर सका है। यह मुस्लिम जगत के राजकुमारों, महाराजाओं, शासकों की बातों की दुकान से अधिक कुछ भी शायद ही साबित हुआ हो।”
अखबार ने लिखा है, “दुखद है कि मुस्लिम देशों के द्विपक्षीय और भूराजनैतिक विवादों में दखल देने से ओआईसी के सामने इसकी बची-खुची प्रासंगिकता के भी खोने का खतरा पैदा हो गया है।”
संपादकीय में इस्तांबुल में ओआईसी बैठक के बाद जारी बयान पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि इसमें ईरान के खिलाफ ‘सख्त और गैर राजनयिक लहजे’ का इस्तेमाल किया गया है।
डॉन ने लिखा है, “लंबे चौड़े बयान में फिलिस्तीन और कश्मीर पर शब्दाडंबरों के बीच ईरान पर तीखा हमला बोला गया है।”
बयान में ईरान पर क्षेत्र के देशों के आंतरिक मामलों में दखल देने और ‘आतंकवाद’ को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की गई है।
अखबार ने लिखा है, “इस घटनाक्रम ने दुर्भाग्य से उस गहरे ध्रुवीकरण को उजागर कर दिया है, जो आज मुस्लिम जगत को विभाजित करने के लिए खतरा बन गया है।”
संपादकीय में कहा गया है कि ओआईसी का मुख्यालय जेद्दा में है और इस पर सऊदी अरब हावी रहा है। फिर भी आज तक कभी भी संगठन ने अपने ही एक सदस्य पर इस तरह से प्रहार नहीं किया था।
अखबार ने लिखा है कि ईरान की नाराजगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संगठन की समापन बैठक में ईरान के राष्ट्रपति (हसन) रूहानी ने शिरकत नहीं की।