नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)। कांग्रेस ने शनिवार को पीएनबी घोटाले को ‘नियामक तंत्र और बैंकिंग क्षेत्र की धोखाधड़ी का पता लगाने की क्षमता की पूर्ण विफलता’ करार दिया और भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी चुप्पी तोड़ने की मांग की।
पार्टी की नवगठित संचालन समिति ने यहां अपनी पहली बैठक के बाद जारी बयान में कहा, “कांग्रेस प्रधानमंत्री से मूकदर्शक बने रहने के बजाए देश को सबसे बड़े बैंक घोटाले के बारे पूरी जानकारी देने का आग्रह करती है।”
इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने की। उनके अलावा इस बैठक में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
बयान में कहा गया है, “मोदी सरकार और वित्त मंत्रालय, एफआईयू, एसएफआईओ, ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियां व प्राधिकारों के नजर के सामने लेटर ऑफ क्रेडिट (एलओयू) के माध्यम से पूरी बैकिंग प्रणाली को धोखा दिया गया और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया गया।”
विपक्षी पार्टी ने मांग की कि प्रधानमंत्री देश को बताएं कि इतने बड़े पैमाने की धोखाधड़ी किस प्रकार से सभी ऑडिटरों और जांचकर्ताओं, यहां तक कि आरबीआई के ऑडिटरों की जांच से बचा रहा।
बयान में कह गया है, “प्रधानमंत्री को देश को यह बताना चाहिए कि समूचे बैकिंग क्षेत्र और वित्त मंत्रालय की धोखाधड़ी पहचान क्षमता की विफलता का कारण क्या है।”