भोपाल :मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर महत्वाकांक्षी नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना की आधारशिला रखने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रदेश में प्रारंभ की गई नर्मदा-क्षिप्रा परियोजना सफल हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से मुलाकात कर प्राकृतिक आपदा राहत के लिये रुपये 5963.22 करोड़ का पेकेज देने का आग्रह किया।
श्री चौहान ने आज दिल्ली में वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली से भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री से राज्य से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मसलों पर बिन्दुवार चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आय कर में राज्य का हिस्सा बढ़ाया जाना चाहिये। फसल बीमा योजना ऐसी बनाई जाये जिसका किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके। उन्होंने मनरेगा में स्थायी संरचनाएँ बनाये जाने की अनुमति दिये जाने के संबंध में विशेष रूप से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में स्थायी संरचनाएँ बनने से एक तरफ अधोसंरचना में सुधार होगा वहीं विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा में केन्द्र और राज्य की 50-50 प्रतिशत भागीदारी होना चाहिये। श्री चौहान ने यह भी कहा कि राज्य के पास एक ऐसा यूनिफाईड फण्ड होना चाहिये जो किसी भी आपदा अथवा असामयिक परिस्थिति में उपयोग किया जा सके।
प्राकृतिक आपदा राहत के विरूद्ध 5963.22 करोड़ का पेकेज देने का आग्रह
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली से प्रदेश को प्राकृतिक आपदा राहत के विरूद्ध 5963.22 करोड़ रुपये का विशेष पेकेज देने का आग्रह किया। उन्होंने श्री मोदी और श्री जेटली को इस आशय का पत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम तात्कालिक रूप से राज्य सरकार द्वारा अपने स्त्रोतों से व्यय की गई 2150 करोड़ रुपये की राशि तो अविलंब प्रदान की जाये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि मार्च 2014 में अति वृष्टि एवं ओला गिरने से 51 में से 49 जिले में रबी की फसल बुरी तरह नष्ट हुई है। इस आपदा से 29.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसलें एवं 31.46 लाख किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बड़ी संख्या में जन, धन एवं पशु हानि हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आपदा प्रभावित लोगों को राहत देने के लिये राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से 5963.22 करोड़ का विशेष पेकेज माँगा था। केन्द्रीय दल के निरीक्षण के बाद 494.95 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे। इसमें से मात्र 240.21 करोड़ रुपये ही जारी किये गये। राज्य सरकार द्वारा बिना केन्द्रीय सहायता की प्रतीक्षा किये हुए किसानों को तत्काल राहत देने के लिये अपने सीमित साधनों से 2150 करोड़ रुपये से अधिक की राहत पीड़ितों को वितरित कर दी। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में दी गई है।
मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव श्री एस.के. मिश्रा तथा सचिव श्री विवेक अग्रवाल भी थे।