हवाना, 20 सितम्बर (आईएएनएस)। कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने साम्यवादी देश क्यूबा की अपनी पहली यात्रा के दौरान आह्वान किया कि इस देश में चर्च को आजादी मिलनी चाहिए और इसके मिशन को आगे बढ़ाने के लिए संसाधन भी मुहैया कराने चाहिए।
बीबीसी की रपट के मुताबिक, पोप ने अमेरिका और क्यूबा के रिश्तों में सुधार का स्वागत किया। उन्होंने इस मेल-मिलाप को पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बताया।
लैटिन अमेरिका से ताल्लुक रखने वाले पहले पोप के बारे में माना जा रहा है कि उनकी कोशिशों की वजह से ही क्यूबा और अमेरिका के बीच राजनयिक रिश्ते फिर से कायम हुए हैं।
पोप फ्रांसिस ने क्यूबा के कैथोलिक ईसाइयों को समर्थन देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि चर्च क्यूबाई नागरिकों को समर्थन और प्रोत्साहन देने का काम जारी रखेगा। उन्होंने क्यूबा और अमेरिका से कहा कि वे संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में बढ़ते रहें।
पोप क्यूबा में चार दिन रहेंगे। इसके बाद वह अमेरिका रवाना हो जाएंगे। वह पोप बनने के बाद पहली बार अमेरिका जा रहे हैं।