तिरुवंतपुरम, 1 सितम्बर (आईएएनएस)। सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को यहां पॉल मुथूट जॉर्ज की हत्या मामले में 13 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इनमें से नौ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और बाकी बचे चार आरोपियों को तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
जॉर्ज की साल 2009 में चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई थी।
दोषी ठहराए गए जयचंद्रन और के. सतीश को हत्या में सीधे तौर पर संलिप्तता के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सबूत नष्ट करने के दोषी पाए गए चार दोषियों को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है। इस मामले में एक व्यक्ति को बरी कर दिया गया है।
जॉर्ज (32) अविवाहित थे, और संपन्न मुथूट कारोबारी परिवार से थे। उनकी 21 अगस्त, 2009 को अलप्पुझा के पास हत्या कर दी गई थी। इस घटना से केरल में सनसनी फैल गई थी।
जॉर्ज घटना के समय एक कार में ओम प्रकाश और राजेश के साथ कहीं जा रहे थे। ये दोनों कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जनवरी 2010 में यह मामला अपने हाथ में लिया। इसके बाद जॉर्ज को चाकू घोंपने वाले के. सतीश को गिरफ्तार किया गया।
जॉर्ज के साथ इस घटना की स्थिति तब बनी, जब उनके तेज रफ्तार वाहन ने एक दो-पहिया वाहन को धक्का मार दिया। जॉर्ज की हत्या के आरोपियों और उनके मित्रों ने इस दुर्घटना को देखने के बाद जॉर्ज का पीछा किया और उन्हें रोक लिया। इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी हुई, जिसके बाद उन्होंने जॉर्ज की हत्या कर दी।
हत्यारों का गिरोह किसी दूसरे व्यक्ति की हत्या के लिए निकला था, लेकिन उन्होंने जॉर्ज की हत्या कर दी।