नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। पर्यटन मंत्रालय ने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 4600 किलोमीटर लम्बी ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया रन’ को 64 दिनों में सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए अल्ट्रा मैराथन धावक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सांसद पैट्रिक फार्मर और उनकी टीम का यहां आयोजित एक समारोह में अभिनंदन किया।
फार्मर अपनी निरंतर दौड़ के कारण विविध प्रकार के विश्व रिकॉर्ड बना चुके हैं और उत्तरी ध्रुव से लेकर दक्षिणी ध्रुव तक, और ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, वियतनाम, पश्चिमी एशिया और उत्तर अमेरिका में दौड़ संपन्न कर चुके हैं। वे 8 वर्षो तक ऑस्ट्रेलिया में सांसद रह चुके हैं। तीन वर्षो तक वे शिक्षा, विज्ञान और प्रशिक्षण से संबंधित संसदीय सचिव भी रहे हैं।
फार्मर ने दौड़ के अपने 20 वर्षो के करियर के दौरान सद्कार्यो के लिए लाखों डॉलर की धनराशि जुटाई है। पर्यटन मंत्रालय में सचिव विनोद जुत्शी, फार्मर की पत्नी तान्या फार्मर, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उप उच्चायुक्त क्रिस एल्सटॉफ्ट, एयर इंडिया के सीएमडी अश्वनी लोहानी, आईटीडीसी के सीएमडी उमंग नरुला और वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर पर्यटन मंत्रालय में सचिव विनोद जुत्शी ने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक 4600 किलोमीटर लम्बी ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया रन’ में व्यापक रूप से भारत का दौरा करने की वजह से पैट्रिक फार्मर को ‘ऑस्ट्रेलिया में अतुल्य भारत का ब्रांड एम्बेसडर’ करार दिया। उनकी दौड़ से ऑस्ट्रेलिया के लोगों को भारत आने की प्रेरणा मिलेगी और पर्यटन के क्षेत्र में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच परस्पर संबंध और प्रगाढ़ होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल ऑस्ट्रेलिया में भारत महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है, जिससे भारत में पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
फार्मर की ‘स्पिरिट ऑफ इंडिया रन’ का लक्ष्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बनाना, ऑस्ट्रेलिया से आने वाले यात्रियों के लिए भारत को ‘अनिवार्य अनुभव’ बताते उन्हें जागरूक बनाना और पर्यटन एवं आपसी रिश्तों को प्रोत्साहन देना, तथा किसी ध्येय और धर्मार्थ कार्यो को समर्थन देना जैसे कि वर्तमान में उनका प्रयास ‘भारत में बालिकाओं की शिक्षा’ के लिए धन जुटाना है।
‘स्पिरिट ऑफ इंडिया रन’ को 26 जनवरी, 2016 को कन्याकुमारी से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। इस दौरान फार्मर तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरे। फार्मर 64 दिनों की लघु अवधि में 4600 किलो मीटर का फासला तय करने के लिए प्रतिदिन औसतन 80 किलोमीटर दौड़े।