मनीला, 15 सितंबर (आईएएनएस)। फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते जब दावाओ के मेयर थे, तब उन्होंने अपने राजनीतिक दुश्मनों पर हमले करने और उनकी हत्या करने का आदेश दिया था। सीनेट की एक जांच समिति के समक्ष गुरुवार को अपना गुनाह कबूल करते हुए लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाले एक पेशेवर हत्यारे ने यह बात कही।
एफे न्यूज के अनुसार, पुलिस कर्मियों और सैनिकों को मिलाकर बनाए गए मौत के दस्ते के कथित पूर्व सदस्य एडगर माटोबाटो के अनुसार, दुतेर्ते ने दावाओ का मेयर बनने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी प्रोस्पेरो नोग्राल्स के चार समर्थकों का अपहरण और उनकी हत्या करने का आदेश दिया था।
माटोबाटो ने नशीले पदार्थो (ड्रग्स) के खिलाफ राष्ट्रपति के चलाए जा रहे अभियान की जांच कर रही समिति के समक्ष कहा कि दुतेर्ते और नोग्राल्स प्रतिद्वंद्वी थे और दुतेर्ते ने नोग्राल्स के लोगों का अपहरण करने के लिए दस्ते का इस्तेमाल किया था।
उसने कहा कि अपहरण कर उन लोगों को सामाल के गार्डेन सिटी द्वीप पर ले जाया गया था और वहीं उनकी हत्या कर दी गई थी।
माटोबाटो ने यह भी खुलासा किया कि शहर के एक और मौके पर जब शहर के बड़े गिरजाघर में विस्फोट हुआ था तो उसके बाद दुतेर्ते ने उन लोगों को दावाओ में एक मस्जिद पर हमला कर मुसलमानों की हत्या करने को कहा था।
उसने यह भी दावा किया कि फिलीपींस के राष्ट्रपति ने रेडियो प्रस्तोता जून पाला की हत्या का भी आदेश दिया था। वह दावाओ में दुतेर्ते की व्यवस्था का आलोचक था। मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
दुतेर्ते पर अक्सर यह आरोप लगता रहा है कि वह दावाओ की मौत के दस्ते के पीछे हैं। बहुत सारे मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, यह दस्ता एक हजार से अधिक लोगों की मौत का जिम्मेदार है।
दुतेर्ते खुद कई अवसरों पर अपराध की दर घटाने के लिए अपराधियों को मार डालने को एक प्रभावशाली तरीका बता चुके हैं। वर्ष 1988 में जब वह मेयर बने थे, तो अपराध की दर बहुत अधिक थी।
दुतेर्ते गत नौ मई को जब से वह राष्ट्रपति चुनाव जीते हैं, उन्होंने अपने ड्रग्स विरोधी अभियान के तहत एक बार फिर पुलिस और नागरिकों को नशीले पदार्थो की तस्करी करने वालों और इसका इस्तेमाल करने वालों की हत्या करने के लिए बुला लिया है।
पुलिस के अनुसार, दुतेर्ते ने जब से राष्ट्रपति पद संभाला है, से तब से लगभग 3500 ड्रग्स तस्कर और उसके लती मारे जा चुके हैं। इनमें से करीब 1500 पुलिस के अभियानों में मारे गए हैं और शेष को निगरानी समूहों ने मारा है।