पेरिस, 15 नवंबर (आईएएनएस)। पेरिस में हुए आतंकवादी हमलों को लेकर फ्रांस में रविवार को भी चारों ओर गम का माहौल है और इस बीच जांचकर्ताओं ने हमले में शामिल इस्लामिक स्टेट (आईएस) के सात आतंकवादियों में से एक की पहचान कर ली है। पेरिस में हमले के बाद फ्रांस में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
मुंबई के 26/11 की तर्ज पर पेरिस में शुक्रवार को हुए श्रृंखलाबद्ध आतंकवादी हमलों में 129 लोगों की मौत हो चुकी है।
बाताक्लां कॉन्सर्ट हॉल से एक आतंकवादी की बुरी तरह कटी हुई एक उंगली मिली, जिसके आधार पर आतंकवादी की पहचान की गई। बाताक्लां कॉन्सर्ट हॉल में एक अमेरिकी बैंड द्वारा दी जा रही संगीत प्रस्तुति के दौरान आतंकवादियों के एक समूह ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 80 से 100 के करीब लोगों की मौत हो गई।
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, जांचकर्ताओं ने आतंकवादी की पहचान अपराधिक रिकॉर्ड वाले अल्जीरियाई मूल के 29 वर्षीय फ्रांसीसी नागरिक उमर इस्माइल मुस्तेफई के रूप में की है। वह कट्टरपंथी के रूप में जाना जाता था।
पेरिस के उपनगरीय इलाके से एक कार भी बरामद की गई है, जिसमें कई स्वचालित राइफलें पिछली सीट के नीचे छिपाकर रखी गई थीं।
फ्रांसीसी अभियोजकों के मुताबिक, पेरिस में शुक्रवार की रात छह स्थानों पर हुए हमलों को बंदूकधारियों और आत्मघाती हमलावरों की तीन टीमों ने अंजाम दिया था।
पेरिस में हुआ यह आतंकवादी हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 2008 में किए गए मुंबई हमले जैसा ही है, जिसमें 166 भारतीय और विदेशी नागरिकों की मौत हो गई और करीब 350 लोग घायल हुए थे।
पेरिस में भी शुक्रवार को एक स्टेडियम, रेस्तरां और मदिरालयों को निशाना बनाकर हमले किए गए।
पहचान होने के बाद मुस्तेफई के भाई और पिता को हिरासत में ले लिया गया है।
आत्मसमर्पण के लिए एक पुलिस स्टेशन जाने के बाद गिरफ्तार किए गए मुस्तेफई के बड़े भाई ने बताया, “यह पागलपन है। मैं खुद भी पिछली रात पेरिस में था, मैंने देखा कि सब कुछ कितना अस्त-व्यस्त था।”
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पेरिस में हिंसा की यब सबसे बड़ी घटना है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है और 70 वर्षो में पहली बार पेरिस में कर्फ्यू लगाए जाने के आदेश दिए।
सुरक्षा बलों ने शनिवार को कहा कि हमले को अंजाम देने वाले सभी आतंकवादी मारे गए हैं। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी लेने के साथ ही अमेरिकी नेतृत्व में आतंकवादी संगठनों पर किए जा रहे हमलों में साथ देने के लिए फ्रांस को और रक्तपात की धमकी भी दी है।
पेरिस में मुस्तेफई के भाई, पिता और बहन सहित कुल छह संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।
बीबीसी के मुताबिक, जांचकर्ता इस सिद्धांत पर काम कर रहे हैं कि हमला करने वालों में से एक आतंकवादी टीम भागने में सफल रही है।
एक हमलावर के शव के पास से मिले सीरियाई पासपोर्ट से यह संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि सीरिया में आतंकवादी हमलों के कारण भाग रहे शरणार्थियों में शामिल होकर कुछ हमलावरों ने यूरोप में प्रवेश किया।
फ्रांस के न्याय मंत्री क्रिस्टियाने तौबीरा के मुताबिक अभी ‘दर्जनों’ शवों की पहचान बाकी है।
हमलों में फ्रांस के अलावा ब्रिटेन, स्वीडन, इटली, अमेरिका और स्पेन के नागरिक भी मारे गए हैं।
मृतकों एवं पीड़ित परिवार वालों की मदद के लिए तीन आपदा केंद्र स्थापित किए गए हैं। समाचार पत्र ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक, अनेक लोग अपने लापता रिश्तेदारों का पता लगाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी ले रहे हैं।
ले पेटिट कैंबोज रेस्तरां में हुए आतंकवादी हमले में घायल हुए 38 वर्षीय एलेक्सिस डेबरील का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। डेबरील रेस्तरां में अपने दो दोस्तों के साथ नाश्ता कर रहे थे कि आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। डेबरील के घुटने में गोली लगी है।
डेबरील ने बताया कि जब गोली चलनी शुरू हुई तो लोग रेस्तरां की फर्श पर एकदूसरे पर लद गए।
डेबरील ने बताया, “मेरे ठीक सामने वाली महिला की मौत हो गई। एक समय मैं उसे जगाने की कोशिश कर रहा था। मैंने उसके बालों में उंगली फिराई और कहा ‘हमारे साथ बनी रहें’। मुझे पता था कि वह जिंदा है, क्योंकि मैंने उसका पेट हिलता हुआ देखा था। उसके बाद वह बिल्कुल सफेद पड़ गई, तब मैं समझ गया कि वह मर चुकी है।”
घायलों के उपचार के लिए रक्तदान की अपील के बाद पेरिस में अस्पतालों के बाहर रक्तदान करने वालों की लंबी लाइन लग गई।
मुस्तेफई के भाई ने कहा कि पारिवारिक विवाद के कारण कई वर्षो से उससे कोई संपर्क नहीं था।
प्रधानमंत्री मैनुएल वॉल्स ने कहा कि फ्रांस आईएस के खिलाफ सीरिया में हवाई हमले जारी रखेगा।
हमले के मद्देनजर राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने तुर्की में आयोजित जी20 सम्मेलन जाने की योजना रद्द कर दी है।