अगरतला/शिलांग/कोहिमा, 3 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी ने त्रिपुरा में वाम दलों का किला ध्वस्त करते हुए शनिवार को आए तीन विधानसभा चुनावों के परिणामों में पूर्वोत्तर में अपना विजय अभियान जारी रखा। त्रिपुरा में भाजपा को अजेय बहुत मिलने के बाद सरकार बनना तय है, जबकि नगालैंड में भाजपा गठबंधन की सरकार बनाने की दिशा में अग्रसर है। वहीं, मेघालय में भी भाजपा गैर-कांग्रेसी दलों को साथ लेकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है।
भाजपा संसदीय बोर्ड की शाम में हुई बैठक में यह विश्वास जताया गया कि पार्टी नगालैंड और मेघालय में भी सरकार बनाएगी। भाजपा ने दावा किया कि उसे दोनों राज्यों में सहयोगियों के साथ पूर्ण बहुमत है।
शनिवार को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अब उनका लक्ष्य कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सत्ता हासिल करना होना चाहिए।
त्रिपुरा में भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली। भाजपा की झोली में 35 सीटें आयीं जबकि आईपीएफटी आठ सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। इस गठबंधन ने प्रदेश की सभी सुरक्षित 20 जनजातीय विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है।
त्रिपुरा में भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 1.5 फीसदी वोट मिले थे और 50 में 49 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। जबकि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को 43 फीसदी वोट मिले हैं।
वहीं, वाम मोर्चे को 2013 के चुनाव में कुल 50 सीटें मिली थीं और वह अभी सिर्फ 18 सीटों पर आगे चल रही है। माकपा और भाकपा गठबंधन को 44 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं, जो पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में लगभग छह फीसदी कम है। माकपा को अकेले 42.7 फीसदी वोट मिले हैं।
मुख्यमंत्री माणिक सरकार धनपुर सीट पर विजयी हुए हैं। वह पिछले 20 साल से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा क्षेत्र में जीत मिली थी लेकिन इस बार पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर 18 फरवरी को मतदान हुए थे। जनजातीय सुरक्षित सीट चारीलम में 12 मार्च को मतदान होगा। यहां माकपा उम्मीदवार नारायण देबबर्मा का निधन हो जाने से मतदान नहीं हो पाया था।
नगालैंड में सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा की झोली में 11 सीटें आई हैं।
मुख्यमंत्री टी.आर.जेलियांग के नेतृत्व में एनपीएफ पहले ही प्रस्ताव पारित कर चुकी है और उसने भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की इच्छा जताई है।
राज्य की 60 में से 59 सीटों पर चुनाव हुए थे। राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नेफ्यू रियो को उत्तरी अंगामी-2 सीट से पहले ही निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया था।
मेघालय में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 21 सीटें जीत ली हैं जबकि पिछले चुनावों में पार्टी ने 60 में से 29 सीटें जीती थीं।
भाजपा की संभावित गठंबधन साझेदार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने 19 सीटें जीत ली हैं।
राज्य की 60 में से 59 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान हुआ था।