नई दिल्ली , 7 सितम्बर (आईएएनएस)। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर पूर्वसैनिकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का सोमवार को आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब एक दिन पहले वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना में सभी मांगें पूरी न होने से नाखुश पूर्वसैनिकों ने अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की थी।
कांग्रेस ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि बगैर चिकित्सा कारणों के या सेवा में अक्षम होने के कारण समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने वाले पूर्व सैनिकों को ओआरओपी का लाभ दिया गया है या नहीं।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को कहा कि ओआरओपी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को जानबूझकर अस्पष्ट रखा गया है।
सिंघवी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्वसैनिकों की भावनाओं से खेलना बंद कर देना चाहिए।”
सिंघवी ने कहा कि हमारी सरकार ने पेंशन के स्वत: लगातार संशोधन को स्वीकृत किया था। लेकिन अब हर दो वर्ष के बाद पेंशन में संशोधन की पूर्व सैनिकों की मांग के विपरीत यह संशोधन पांच साल के बाद करने की पेशकश की गई है।
सिंघवी ने कहा इस विषय पर केंद्रीय सरकार ने जो न्यायिक समीति गठित की है, उसमें पूर्वसैनिकों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
सिंघवी ने कहा पूर्वसैनिकों की मांग है कि औसत पेंशन फार्मूला के आधार पर पेंशन की गणना नहीं की जानी चाहिए, बल्कि प्राप्त सर्वाधिक वेतन पर आधारित होनी चाहिए।
मोदी ने रविवार को फरीदाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि समयपूर्व सेवानिवृत्त सैनिक ओआरओपी योजना से लाभान्वित होंगे। मोदी ने यह भी कहा था कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के मुद्दे पर गुमराह करने वाले सही नहीं कर रहे हैं।
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को ओआरओपी योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सैनिकों को ओआरओपी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। बाद में पर्रिकर ने स्पष्ट कर दिया था कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का अनुच्छेद ही हटा दिया जाएगा।