पणजी, 15 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा के लोक निर्माण विभाग मंत्री सुदिन धवलीकर ने शुक्रवार को कहा कि पुर्तगाल को अपने उपनिवेश के रूप में गोवा के शोषण के लिए माफी मांगनी चाहिए।
धवलीकर का यह बयान गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर और उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डीसूजा के यह कहने के बीच आया है कि पुर्तगाल के नए प्रधानमंत्री गोवा मूल के अंतोनियो कोस्टा को जल्द ही औपचारिक रूप से गोवा आने का निमंत्रण भेजा जाएगा।
धवलीकर ने यह बात कोस्टा के पुर्तगाल का प्रधानमंत्री बनने पर राज्य विधानसभा में पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कही।
धवलीकर ने कहा, “गोवा के लोग अतीत को नहीं भूल सकते। 1961 के पहले गोवा में क्या हुआ, इसका इतिहास सभी को पता है। इससे पहले कि गोवा के लोग पुर्तगाल के लोगों की तारीफें करें, मुझे लगता है कि उन्हें हमसे माफी मांगनी चाहिए।”
बीते नवंबर में पुर्तगाल के प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए कोस्टा गोवा के कवि और वामपंथी कार्यकर्ता ओर्लाडो कोस्टा के बेटे हैं।
धवलीकर ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि पुर्तगालियों ने गोवा को जीता था। उन्होंने कहा, “तत्कालीन आदिल शाह शासन ने गोवा के हिस्सों को पुर्तगाल को भेंट में दिया था।”
गोवा 451 साल तक पुर्तगाल का उपनिवेश रहा था। भारतीय सेना ने 1961 में इसे आजाद कराया था।
उपमुख्यमंत्री डीसूजा ने चर्चा के दौरान इस बात का जिक्र किया कि किस तरह उनकी पुर्तगाल यात्रा के दौरान कोस्टा ने उनका शानदार नागरिक अभिनंदन किया था। उस वक्त कोस्टा पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन के महापौर थे।
मुख्यमंत्री पारसेकर ने कहा कि गोवा मूल के कोस्टा को राज्य की यात्रा के लिए गोवा सरकार औपचारिक न्योता भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह हम गोवावालों के लिए गर्व का क्षण है। हमें उन्हें बधाई देने में हिचकना नहीं चाहिए। मेरे उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि उन्हें (कोस्टा को) निमंत्रित किया जाना चाहिए। विपक्ष के नेता ने भी यही बात कही है। मेरा मानना है कि यह किया जाना चाहिए। हम निश्चित ही ऐसा करेंगे।”