वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका ने एक भारतीय वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले के बाद विश्वास व्यक्त किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में होंगे, और द्विपक्षीय मुद्दे सुलझाने की जिम्मेदारी दोनों देशों की है।
वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। अमेरिका ने एक भारतीय वायुसेना अड्डे पर आतंकवादी हमले के बाद विश्वास व्यक्त किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में होंगे, और द्विपक्षीय मुद्दे सुलझाने की जिम्मेदारी दोनों देशों की है।
अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार को सर्वोच्च स्तर पर स्पष्ट कर दिया है कि उसे बगैर किसी भेदभाव के लगातार सभी आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाते रहना चाहिए। उन संगठनों को भी जो भारत को निशाना बना रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को शांति प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “निश्चित तौर पर दोनों देशों के नेताओं को अपने देश के नागरिकों के हित के अनुरूप फैसला लेना चाहिए।”
अर्नेस्ट ने कहा, “अमेरिका मानता है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारों के बीच अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में होंगे, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला दोनों देशों को ही लेना होगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका को लगता है कि अमेरिका-पाकिस्तान संयुक्त बयान में किए गए वादे के अनुरूप भारत को निशाना बनाने वाले लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान कार्रवाई कर रहा है, अर्नेस्ट ने कहा कि “अपने ही देश में मौजूद आतंकियों के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का ही हित है और अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान बिना भेदभाव के सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे।”
राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को निमंत्रण देने की खबर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह ओबामा और दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच किसी आगामी मुलाकात की योजना के बारे में नहीं जानते।
विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारतीय वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमले की एक बार फिर कड़ी निंदा करते हुए कहा, “अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत सरकार के साथ मजबूती से खड़ा है।”
किर्बी ने कहा, “पाकिस्तान सरकार ने सार्वजनिक तौर पर और निजी तौर पर कहा है कि वह अपने आतंकवाद रोधी अभियान के तहत आतंकी संगठनों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करेगा और हम उम्मीद करते हैं कि वे कथनी और करनी में फर्क नहीं रखेंगे और उन्होंने जैसा कहा है, वैसा ही करेंगे।”