इस्लामाबाद, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान की संसद के निम्न सदन नेशनल असेम्बली ने विवादास्पद इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम विधेयक 2015 पारित कर दिया।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, विधेयक बुधवार को पारित किया गया। इसे कानून के रूप में आने के लिए उच्च सदन सीनेट से पारित होना आवश्यक है।
पाकिस्तान के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस विधेयक को जनवरी 2015 में नेशनल असेम्बली में पेश किया था। हालांकि सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग जगत तथा नागरिक समाज, दोनों इसकी आलोचना कर रहा है। नागरिक समाज ने इसे मानवाधिकारों पर नियंत्रण लगाने वाला विधेयक करार दिया है।
आलोचकों के अनुसार, प्रस्तावित विधेयक में प्राप्तकर्ता की सहमति के बिना संदेश भेजने को अपराध की श्रेणी में रखा गया है। साथ की सरकार के कदमों की सोशल मीडिया पर आलोचना को भी आपराधिक गतिविधि माना गया है और इसके लिए जुर्माने के साथ-साथ लंबी अवधि के कैद का भी प्रावधान किया गया है।
वहीं, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों का तर्क है कि इससे इस क्षेत्र में होने वाले व्यवसाय को नुकसान होगा।