इस्लामाबाद, 16 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान की एक अदालत ने मानसिक रूप से बीमार मुजरिम की फांसी की सजा टाल दी।
समाचारपत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर हाईकोट की एक खंडपीठ ने मुजरिम की मां की याचिका पर सोमवार को फांसी की सजा निलंबित करने का आदेश दिया और पंजाब के गृह मंत्रालय से जवाब मांगा है।
कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली कानूनी संस्था ‘जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान’ (जेपीपी) ने मुजरिम खिजर हयात (41) की मां इकबाल बानो की याचिका पेश की।
वकील मरयम हक ने खंडपीठ के समक्ष जिरह करते हुए कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रस्त खिजर हयात का जेल अधिकारियों ने 2008 में इलाज करवाया था।
वह एक पुलिस कांस्टेबल था और उसे सहकर्मी की हत्या में गिरफ्तार किया गया था। शादबाग पुलिस ने उसे अक्टूबर 2001 में गिरफ्तार किया था। उसे 2003 में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
वकील मरयम हक ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानून मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को फांसी की इजाजत नहीं देता।
जिरह के बाद अदालत ने हयात की फांसी की सजा टाल दी। अदालत ने गृह मंत्रालय को 18 जून तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है।