इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के संघीय विधि व न्याय मंत्री बैरिस्टर फरोग नसीम ने कहा है कि इमरान सरकार देश में इस्लामी कानून की हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है। इन कानूनों में ईशनिंदा कानून और खत्म-ए-नबूवत (हजरत मोहम्मद को अंतिम पैगंबर मानना) शामिल हैं।
इस्लामाबाद, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के संघीय विधि व न्याय मंत्री बैरिस्टर फरोग नसीम ने कहा है कि इमरान सरकार देश में इस्लामी कानून की हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है। इन कानूनों में ईशनिंदा कानून और खत्म-ए-नबूवत (हजरत मोहम्मद को अंतिम पैगंबर मानना) शामिल हैं।
पाकिस्तान का ईशनिंदा कानून आलोचना के केंद्र में रहा है। इस कानून का इस्तेमाल देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने का आरोप लगता रहा है।
‘द नेशन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, नसीम ने कहा कि अगर इन कानूनों में किसी तरह का अगर कोई बदलाव हुआ तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान भी ऐसे किसी बदलाव की कभी इजाजत नहीं देंगे।
पाकिस्तान उलेमा काउंसिल द्वारा यहां आयोजित ‘वहदत-उल-उम्मत’ सेमिनार में मंत्री ने कहा कि इस्लाम और पाकिस्तान एक-दूसरे से संबद्ध हैं। यह उलेमा का कर्तव्य है कि वे देश को एकजुट करें और मसलकों के मतभेद को खत्म करें। एकजुट रहेंगे तो कामयाबी मिलेगी, अन्यथा नाकाम रहेंगे।
उन्होंने कहा कि उलेमा को आधुनिक युग में सफस रहने के लिए धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान व प्रोद्योगिकी की भी शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मुसलमानों ने शिक्षा पर ध्यान दिया तब उन्होंने विश्व पर राज किया और जब वे इससे विमुख हुए तो नाकामी हाथ आई।