अधिकारियों के मुताबिक, पत्तन शहर कराची में प्रशासन ने 164 भारतीयों मछुआरों को रिहा कर दिया, जिसमें एक 11 साल का बच्चा भी शामिल है। यह बच्चा मछली पकड़ने के लिए पाकिस्तान की जलसीमा में प्रवेश कर गया था।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच पिछले महीने रूस के उफा में एक बैठक के दौरान इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों ही देश दो सप्ताह के भीतर इन मछुआरों को रिहा करेंगे। हालांकि, कुछ कारणों से इसमें देरी हो गई।
इन मछुआरों को सोमवार को वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा जा सकता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान और भारत मछली पकड़ने के लिए नियमित तौर पर अवैध रूप से एक-दूसरे की जलसीमा में आए मछुआरों को गिरफ्तार कर लेते हैं।
मछुआरों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे संगठनों ने कहा है कि मछुआरे गलती से एक-दूसरे देश की जलसीमा में प्रवेश कर जाते हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच अभी तक समुद्री सीमा पर कोई समझौता नहीं हुआ है।
रिहा किए गए भारतीय मछुआरों ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें लांधी जेल से रिहा किया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जेल अधिकारियों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया।