इस्लामाबाद- पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुरुद्वारा ननकाना साहिब को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने चारों ओर से घेर लिया। प्रदर्शनकारियों ने कथित जबरन धर्म परिवर्तन मामले में संदिग्धों की रिहाई की मांग को लेकर ऐसा किया। डॉन न्यूज के मुताबिक, हालांकि प्रदर्शनकारियों ने सरकारी प्रतिनिधियों के साथ सफल वार्ता के बाद शुक्रवार कई घंटों के बाद शाम को वहां से हट गए और गिरफ्तार लोगों को रिहा कर दिया गया।
इस प्रदर्शन की अगुवाई एक व्यक्ति एहसान के परिवार ने किया था, जिस पर इस साल के शुरू में एक सिख लड़की, जगजीत कौर का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया गया था।
28 अगस्त, 2019 को ननकाना पुलिस स्टेशन में छह लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिन पर 19 वर्षीय लड़की का अपहरण करने और जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया गया था।
पुलिस ने बाद में संदिग्धों को लाहौर में खोजा और उनमें से एक को हिरासत में लिया। बाद में, महिला ने अदालत में एक लिखित बयान प्रस्तुत किया था, जिसमें कहा गया था कि उसने इस्लाम धर्म अपनाया है और अपनी मर्जी से एहसान से शादी की है। उसने अपने परिवार पर आरोप लगाया कि वे उसे मार डालना चाहते हैं।
एहसान के परिवार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा और 9 जनवरी को होने वाली अगली अदालत की सुनवाई से पहले एहसान सहित कई परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले लिया।
डॉन न्यूज ने एहसान की बहन के हवाले से कहा, “आज पुलिस कर्मियों ने हमारे घर पर छापा मारा और मेरे भाई और रिश्तेदारों को यातनाएं देने के बाद गिरफ्तार कर लिया।” गुरुद्वारा के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए एहसान की बहन ने दावा किया कि पुलिस ने घर में मौजूद महिलाओं और बच्चों को भी प्रताड़ित किया।
ननकाना साहिब के जिला पुलिस अधिकारी, इस्माइल खरक ने कहा कि एक नागरिक द्वारा एक विवाद के बारे में दायर की गई शिकायत के आधार पर संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।
हालांकि, उन्होंने परिवार के आरोपों पर टिप्पणी नहीं की।