यूक्रेन व अन्य मुद्दों पर पश्चिम के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच, रूस के नेताओं ने पश्चिमी खतरों के खिलाफ उठ खड़े होने का विकल्प चुना है, जो एशिया प्रशांत में बढ़ रहे सुरक्षा सहयोग को महत्ता प्रदान करता रहा है।
वहीं दूसरी तरफ, पश्चिम देशों के महत्वपूर्ण ताकतों के प्रतिनिधियों ने मास्को दौरे के बाद क्रेमलिन के साथ वैश्विक आतंकवाद-रोधी अभियान व सीरिया में लंबे संघर्ष के राजनीतिक समाधान के लिए ठोस इच्छा जताई है। वहीं दूसरी ओर कोई इस बात से शायद ही इनकार कर सकता है कि रूस व पश्चिमी ताकतों के बीच नए तनाव में इजाफा नहीं होगा।
भूराजनीतिक, सैन्य व आर्थिक हालात में भारी बदलाव को ध्यान में रखते हुए साल 2009 का संशोधित संस्करण यह दस्तावेज एक प्रमुख शक्ति के रूप में रूस की स्थिति को मजबूत करने का आह्वान करता है।