नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)। पर्किं सन रोग से पीड़ित लोगों के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (डीबीएस) प्रक्रिया फायदेमंद हो सकती है।
न्यूरो सर्जनों के अनुसार, डीबीएस के अंतर्गत चिकित्सक मस्तिष्क के अंदर एक चिकित्सा उपकरण न्यूरोस्टिमुलेटर (ब्रेन पेसमेकर) को स्थापित करते हैं, जो गतिविधियों और प्रभावी विकारों को ठीक करने के लिए प्रत्यारोपित इलेक्ट्रोड के माध्यम से मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्सों (मस्तिष्क केंद्र) में विद्युत आवेग पहुंचाते हैं।
इस प्रक्रिया के दौरान चिकित्सक व्यक्ति की खोपड़ी में छेद कर ब्रेन पेसमेकर स्थापित करते हैं।
बीएलके सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निदेशक और न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार अतुल प्रसाद ने बताया, “अब तक ऐसी कोई चिकित्सा प्रक्रिया नहीं है, जो वास्तव में पर्किं सन रोग को पूरी तरह ठीक कर सके। इस प्रक्रिया के इस्तेमाल से उन लोगों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है, जो इसकी वजह से सामान्य जीवन नहीं जी पा रहे हैं।”
इस शोध से सहमत दिल्ली के न्यूरोलॉजिस्ट राकेश टंडन कहते हैं कि इस ऑपरेशन ने कुछ मामलों में सकारात्मक निष्कर्ष दिए हैं। हालांकि इस प्रक्रिया के लिए रोगी और परिवार की रजामंदी महत्वपूर्ण है।
विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों में डीबीएस की जागरूकता केवल 30-40 प्रतिशत ही है। जिस वजह से यह ऑपरेशन व्यापक रूप से नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को विश्व पार्किं सन दिवस है।