नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रह चुकीं देश की अग्रणी बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने बुधवार को पद्म पुरस्कारों की सूची में अपना नाम होने पर पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
बुधवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई जिसमें खेल जगत के कई बड़े नाम शामिल हैं।
ज्वाला को पुरस्कार न मिलने का दुख है और उन्होंने उन्होंने सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक के जरिए अपना गुस्सा जाहिर किया है।
ज्वाला ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, “मुझे हमेशा अचरज होता था कि देश के सबसे प्रतिष्ठित पद्म अवार्डो के लिए आवेदन करना होता है..लेकिन जब एक प्रक्रिया बनाई ही गई है..तो मैंने भी आवेदन कर दिया..मैंने इसलिए आवेदन किया, क्योंकि मुझे लगता है कि मैंने अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है और इसलिए मैं इसकी हकदार हूं।”
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, हॉकी टीम के कप्तान पी.आर. श्रीजेश, रियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक, पैरालम्पिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली दीपा मलिक और स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु को बुधवार को पद्मश्री पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
इनके अलावा महिला जिम्नास्ट दीपा कर्माकर, चक्का फेंक खिलाड़ी विकास गौड़ा, दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के कप्तान शेखर नाइक के नाम भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए घोषित किए गए हैं।
विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत चुकीं ज्वाला ने आगे लिखा है, “मैं अपने देश के लिए 15 साल से खेल रही हूं और कई बड़े टूर्नामेंट जीते हैं।”
उन्होंने लिखा है, “मैंने सोचा था कि मुझे आवेदन करना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि यह काफी नहीं था। आपको सिफारिशों की जरूरत होती है। मेरा सवाल है कि मुझे पुरस्कार के लिए आवेदन करने और उसके बाद सिफारिशों की क्या जरूरत है।”
ज्वाला ने लिखा, “क्या मेरी उपलब्धियां काफी नहीं हैं? मैं पूरे तंत्र के बारे में जानने के लिए आतुर हूं। दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल और ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में लगातार दो पदक काफी नहीं हैं? विश्व चैम्पियनशिप में मेरा पदक काफी नहीं है? महिला युगल और मिश्रित युगल रैंकिंग में मैं शीर्ष-10 में रही, सुपरसीरीज और ग्रांप्री गोल्ड में मेरा प्रदर्शन काफी नहीं है?”
ज्वाला भारत की सबसे सफल युगल खिलाड़ी हैं। उनकी और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने भारत को कई खिताब दिलाए और लंबे समय तक विश्व रैंकिंग में शीर्ष 20 में बनी रहीं।
ज्वाला ने लिखा, “मैंने 15 बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप जीती है। साथ ही मैं ओलम्पिक में दो स्पर्धाओं में क्वालीफाई करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी हूं। विश्व चैम्पियनशिप में प्रकाश पादुकोण के बाद पदक जीतने वाली मैं पहली खिलाड़ी हूं।”
अर्जुन अवार्ड विजेता ज्वाला आगे कहती हैं, “मैंने भारत में युगल बैडमिंटन का आधार रखा, जहां इसे कोई गंभीरता से नहीं लेता था। लेकिन यह काफी नहीं है, क्योंकि मैं मुखर हूं। मुझे इस अवार्ड के लिए क्यों नहीं चुना गया? मैं नहीं जानती कि मुझे अब इस अवार्ड के लिए कहना चाहिए या नहीं। मैं इसकी हकदार नहीं हूं। अगर यह सब काफी नहीं है तो क्या चाहिए?”