लुधियाना। वह मनुष्य भाग्यशाली है, जिसे प्रभु नाम से प्रीत हो जाती है। आज का मनुष्य अपनी प्रशंसा का भूखा है। अहंकार मनुष्य को पतन की ओर ले जाता है। कुछ पाने के लिए सदा महापुरुषों के चरणों में बैठना चाहिए। यह बात श्री शिव मंदिर, एमआईजी फलैट्स दशमेश नगर में करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा में संत गंगेनंदन योगी महाराज ने कही।
उन्होंने कहा कि वह संतान सौभाग्यशाली है, जो अपने माता-पिता की आज्ञाकारी है। माता-पिता का निरादर करने वाली संतान राक्षस तुल्य हैं। इस अवसर पर राजू सेतिया, अमरनाथ शर्मा, सुरिन्दर बांसल, मस्त राम शर्मा, मुकेश गर्ग, दीपक गर्ग, राकेश गोयल, राकेश मुल्लांपुरी, बृजेश अग्रवाल व हरीश मरवाहा आदि उपस्थित थे। स्वामी वेद भारती जी करेंगी कैलेंडर जारी
श्रीरामनवमी के उपलक्ष्य में 73वीं विशाल शोभायात्रा 18 अप्रैल को रामलीला मैदान दरेसी ग्राउंड में निकाली जाएगी। श्री सनातन धर्म महोत्सव कमेटी द्वारा होने वाली शोभायात्रा की तैयारियों संबंधी मीटिंगों का दौर जारी है। कमेटी चेयरमैन मदन लाल चोपड़ा व प्रधान यशपाल पराशर ने बताया कि रविवार को सिद्ध पीठ श्री दंडी स्वामी सिविल लाइंस में पंडित राज कुमार की अध्यक्षता में मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर विक्त्रमी संवत् 2070 का वार्षिक त्यौहारों का कैलेंडर महामंडलेश्वर स्वामी वेद भारती जी जारी करेंगी। इस अवसर पर ओम प्रकाश विग, विरेंदर मित्तल, कूलभूषण मालिक, संजीव कुंद्रा, दिनेश मरवाहा व पवन चोपड़ा आदि उपस्थित थे। जमालपुर में भजन संध्या
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से जमालपुर में भजन संध्या का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वी अक्षदा भारती जी ने कहा कि संसार की सारी प्रक्रियाएं जिस नियम के ऊपर आधारित है, वह नियम है स्थिरिता का नियम। स्थिरिता शब्द का विपरीत शब्द है अस्थरिता। एक बंधन है और दूसरी आजादी है। जैसे एक कमल का फूल और कीड़ा। दोनों ही कीचड़ में पैदा होते हैं। कीड़ा कीचड़ का संग करता है और कीचड़ के विषय में ही जानता है। लेकिन कमल के फूल के साथ ऐसा नहीं होता। कीचड़ से दोस्ती ना कर सूरज के साथ अपना रिश्ता जोड़ता है। वह खुद तो आनंद को प्राप्त करता ही है और साथ-साथ ही दुनिया को भी संदेश दे जाता है। इस दौरान साध्वी पुनियां भारती, साध्वी शलोक्या भारती जी साध्वी मनजिंदर भारती ने सुमधुर भजनों का गायन किया।