कोलकाता, 25 जुलाई (आईएएनएस)। अर्थशास्त्री व नीति आयोग के सदस्य बिबेक देवरॉय ने शनिवार को कहा कि देश के पूर्वी हिस्से के विकास के बिना भारत विकास नहीं कर सकता और पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक एकीकरण क्षेत्र की समृद्धि के लिए आवश्यक है।
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यहां जारी एक समारोह में देबरॉय ने कहा कि क्षेत्र केवल विनिर्माण में ही नहीं, बल्कि कृषि में भी बेहतर कर सकता है।
उन्होंने कहा, “भारत तब तक वांछित स्तर तक विकास नहीं कर सकता, जबतक इसका पूर्वी भाग विकास नहीं करता। पूर्वी भाग से मेरा मतलब उत्तर प्रदेश का पूर्वी हिस्सा, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा समस्त पूर्वोत्तर क्षेत्र है।”
उन्होंने कहा, “देश का पूर्वी भाग तभी समृद्ध हो सकता है जब पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, दक्षिणपूर्व एशियाई देश तथा चीन के कुछ हिस्से से आर्थिक एकीकरण होगा।”
इस बात पर जोर देते हुए कि ‘मेक इन इंडिया’ का मतलब केवल विनिर्माण नहीं है, देबरॉय ने कहा कि शासन का विकेंद्रीकरण तथा भौतिक बुनियादे ढांचे का विकास क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में विकास की संभावना कृषि व कृषि आधारित उत्पादों में है।”
सरकार के अत्यधिक हस्तक्षेप का दावा करते हुए देबरॉय ने कहा कि सार्वजनिक वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रभावी वितरण के लिए विकेंद्रीकरण बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा, “यदि सार्वजनिक वस्तुओं व सेवाओं का सही तरीके से वितरण होता है, तो सब्सिडी की जरूरत ही नहीं है। सार्वजनिक वस्तुओं व सेवाओं का प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए केवल केंद्र व राज्य सरकार के स्तर पर ही नहीं, बल्कि स्थानीय सरकार के स्तर पर भी विकेंद्रीकरण पर मजबूती से जोर दिया जाना चाहिए।”
देबरॉय ने कहा, “बीते 60 सालों में सरकार ने इस क्षेत्र में बेहद हस्तक्षेप किया है और सुधार के लिए सरकार द्वारा नुकसान पहुंचाने वाली भूमिका में कमी लानी होगी।”