नई दिल्ली, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले से जुड़े आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘त्वरति और निर्णायक कार्रवाई’ का वादा किया। शरीफ इस वक्त श्रीलंका के दौरे पर हैं।
शरीफ ने भारत द्वारा पाकिस्तान को आतंकवादियों के बारे में ‘निश्चित और कार्रवाई योग्य जानकारियां’ देने के बाद मोदी को यह भरोसा दिलाया है।
पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमले में शामिल छह आतंकवादी मारे गए हैं। माना जा रहा है कि ये सभी पाकिस्तानी थे। हमले में सात सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं।
इस हमले की जिम्मेदारी सोमवार को पाकिस्तान स्थित कश्मीरी आतंकवादी समूहों के समन्वयक संगठन, युनाइटेड जेहाद कौंसिल (यूजेसी) ने ली थी। यूजेसी का सरगना सैयद सलाहुद्दीन है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शरीफ ने मंगलवार अपराह्न् पठानकोट में आतंकवादी हमले के मामले में मोदी को फोन किया।
बयान में कहा गया है, “मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान पठानकोट आतंकवादी हमले से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी और त्वरित कार्रवाई करे।”
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान को इस मामले में निश्चित और कार्रवाई योग्य जानकारियां दी गई हैं।
बयान में बताया गया है, “शरीफ ने मोदी को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार आतंकियों के खिलाफ त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करेगी।”
रेडियो पाकिस्तान की रपट के मुताबिक, शरीफ ने मोदी से फोनवार्ता में पठानकोट आतंकी हमले में हुई जानों के नुकसान पर गहरा शोक जताया। रपट में कहा गया है कि शरीफ ने कहा कि आतंकवादियों की हमेशा कोशिश रहती है कि दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया को पटरी से उतार दिया जाए।
रपट में कहा गया है कि शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान, भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारियों के आधार पर ठोस जांच करेगा।”
रेडियो पाकिस्तान ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने आपसी सहयोग से आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प जताया।
पाकिस्तानी समाचार पत्र द नेशन के मुताबिक, शरीफ ने कहा, “इस मुश्किल घड़ी में हम भारत के साथ हैं और जिस भी तरह से संभव होगा, हम सहयोग करेंगे..हम भारत की तरफ से दी गई सूचना के आधार पर जांच करेंगे।”
अखबार ने कहा है कि शरीफ और मोदी ने रणनीतिक महत्व के अन्य मुद्दों पर बात की।
मोदी और शरीफ की 25 दिसंबर को लाहौर में अचानक मुलाकात हुई थी। अफगानिस्तान से लौटते समय मोदी ने अचानक लाहौर में रुकने और शरीफ को उनके जन्मदिन की बधाई देने का निर्णय लेकर सबको चौंका दिया था। माना जा रहा था कि रिश्तों को सामान्य करने की दिशा में यह बहुत बड़ी पहल है।
इसी महीने दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बैठक होनी है। लेकिन, पठानकोट हमले के बाद से इस वार्ता के भविष्य पर सवाल उठने लगा है। इस हमले को भारत और पाकिस्तान के सुधरते रिश्तों पर हमला भी कहा जा रहा है।