पटना, 17 फरवरी (आईएएनएस)। छठे भारत प्रक्षेत्र राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन यहां शुरू शनिवार को शुरू हो गया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि लोकतंत्र के सभी स्तंभ लोगों के प्रति जवाबदेह हैं और इन सभी स्तंभों में संतुलन आवश्यक है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि केवल कानून बनाने से कुछ नहीं होगा, किसी भी कानून के लिए जनजागरण जरूरी है। उन्होंने इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खुलकर तारीफ की।
महाजन ने बिहार की धरती को गौरवशली अतीत की धरती बताते हुए कहा, “आज ही कर्पूरी ठाकुरजी की पुण्यतिथि है। बिहार जनकनंदिनी सीता की जन्मस्थली है। यहां आर्यभट्ट, बाबा नागार्जुन और राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर भी हैं, जिन्होंने संस्कृति के क्षेत्र में बहुत काम किया।”
इससे पहले पटना के ज्ञान भवन में आयोजित छठे भारत प्रक्षेत्र राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर उन्होंने विधिवत उद्घाटन किया। सम्मेलन में 52 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
महाजन ने वैशाली को पहला गणतंत्र बताते हुए कहा, “ऐसी जगह पर हम लोकतंत्र पर विचार करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। राजनीतिक लोगों को जनता की नब्ज को समझना चाहिए और उनके कल्याण और खुशियों के लिए काम करना चाहिए।”
लोकसभा अध्यक्ष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से स्वच्छता जैसे विषय को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया, उसी तरह की पहल नीतीश ने शराबबंदी के जरिए की। उन्होंने नीतीश की राजनीतिक सूझबूझ और परिपक्व ता का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो न्याय के साथ विकास कर रहा है।
इससे पहले नीतीश ने कहा कि बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण के कई काम किए जा रहे हैं, और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अब महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाना चाहिए, ताकि संसद और विधानमंडल में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण का लाभ मिल सके।
बिहार के मुख्यमंत्री ने इशारों ही इशारों में विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “मैंने कभी दिखावे के लिए और वोट के लिए कोई काम नहीं किया। हां, वोट देने वालों की भलाई का काम किया है।”
उन्होंने कहा, “हमने महिलाओं की जागृति पर काम किया और बिहार में हमने 50 प्रतिशत महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण दिया, साथ ही नगर निकाय चुनाव में भी आरक्षण दिया। हमने बिहार में विकास की पहल की है।”
इससे पहले उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के संबोधन के दौरान राजद विधायकों ने हंगामा किया और सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया।
सम्मेलन में सुशील मोदी ने भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि आज देश के चार पूर्व मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। इसके बाद ही सम्मेलन में उपस्थित राजद विधायक और विधानपार्षद हंगामा करने लगे।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “यह सम्मेलन है, बिहार विधानसभा की कार्यवाही नहीं चल रही है। उन्हें सम्मेलन पसंद नहीं तो वे चले जाएं।”
इसके बाद भी राजद विधायक हंगामा करते रहे। बाद में वे सम्मेलन का बहिष्कार कर बाहर चले गए।
मोदी द्वारा भ्रष्टाचार का उल्लेख किए जाने को विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार का अपमान बताया है। उन्होंने मोदी से माफी मांगने की मांग की है। तेजस्वी ने ट्वीट किया, “मोदी और उनकी बहन ने सृजन घोटाले में करोड़ों निगल लिए। अपना काला भ्रष्टाचार छिपाने के लिए मोदी ने इस मंच का इस्तेमाल किया। चोरों का चोर ईमानदारी बतिया रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “मोदी ने 52 देशों के प्रतिनिधियों के सामने बिहार को कलंकित करने का घृणित कृत्य किया है। भाजपाई नेता मोदी खुद अनेकों मामलों में दागी है। यह सबसे बड़े घोटालेबाज है। मोदी ने यह क्यों नहीं बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री पर संगीन हत्या का मामला दर्ज है?”
सम्मेलन का समापन 19 फरवरी को होगा। इस दौरान कई विषयों पर चर्चा होगी।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सम्मेलन का आयोजन दो साल में एक बार किया जाता है और इसका पांचवां आयोजन गोवा में किया गया था।