चंडीगढ़, 12 जुलाई (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में कड़े परिश्रम से राज्य में कायम की गई शांति को भंग नहीं करने देगी और वह यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सांप्रदायिक सौहार्द किसी भी कारण से प्रभावित न हो।
बादल का यह बयान राज्य में आतंकवाद से ताल्लुक रखने वाले सिख कैदियों को लेकर उनकी सरकार के रुख पर हो रही आलोचनाओं पर आया है। उनकी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी पंजाब सरकार की निंदा की है।
आतंकवाद से ताल्लुक रखने वाले सिख कैदियों को बाहर की जेलों से पंजाब स्थानांतरण पर सरकार के हालिया रुख पर अपनी सरकार का बचाव करते हुए बादल ने संवाददाताओं से कहा, “शांति कायम रखना, सांप्रदायिक सौहार्द और मित्रता मेरी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं।”
87 वर्षीय बादल ने कहा, “अपनी आखिरी सांस तक मैं राज्य में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द की गारंटी लेता हूं।”
बादल ने हालांकि कहा कि 1993 के दिल्ली विस्फोट मामले में दोषी सिख कैदियों देवेंदर पाल सिंह भुल्लर और गुरदीप सिंह खैरा के स्थानांतरण से पंजाब में शांति को कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने देश के कानून के दायरे में रहकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित पूरी प्रक्रिया का पालन किया है। साथ ही इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय की सहमति ली गई।”
उन्होंने मीडिया से भी आग्रह किया कि वह बेवजह मामले को तूल न दे।
दोषी आतंकवादियों को खुला समर्थन देने के चलते बादल सरकार की कांग्रेस पार्टी द्वारा निंदा की जा रही है। पंजाब की सरकार में बादल सरकार की सहयोगी पार्टी भाजपा भी इस फैसले का विरोध कर रही है।
एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी के रूप में शिरोमणि अकाली दल की छवि का बचाव करते हुए बादल ने कहा कि नौ हिंदू उम्मीदवार और एक मुस्लिम उम्मीदवार के अलावा 22 दलित उम्मीदवार 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट पर जीते थे।
पंजाब की आबादी 2.77 करोड़ है, जिसमें सिखों का बोलबाला है। राज्य में सिखों के बाद सर्वाधिक जनसंख्या हिंदुओं की है।
इसी बीच बादल ने इस बात से इंकार किया कि सत्ताधारी पार्टी अकाली दल और भाजपा के गठबंधन पर किसी तरह का खतरा है।
यहां चंडीगढ़ प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बादल ने कहा, “भाजपा के साथ पूर्व में हमारा गठबंधन मजबूत था, मौजूदा समय में मजबूत है और आगे भी रहेगा।”
वह कुछ भाजपा नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से की जा रही शिकायतों पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन 2007 से राज्य की सत्ता में है। मार्च 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। राज्य में तीन दशकों से भी अधिक समय से दोनों पार्टियां साथ हैं।
उद्योग मंत्री मदन मोहन मित्तल और स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी समेत कुछ भाजपा नेताओं ने हाल के समय में अकाली नेतृत्व के साथ मतभेद व्यक्त किए थे।
अन्य भाजपा नेताओं और पार्टी के विधायकों ने भी अकाली दल के खिलाफ बयानबाजी की। पंजाब की 117 सीटों वाली विधानसभा के लिए 2017 में चुनाव होने की संभावना है।