चंडीगढ़, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। सफेद कीटों के हमले से खराब हुई कपास की फसलों के लिए बेहतर मुआवजे की मांग कर रहे पंजाब के किसानों ने मंगलवार को अपना सप्ताह भर से जारी रेल रोको आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया। किसानों ने कहा है कि अब वे राज्य के मंत्रियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
किसानों के आठ संगठनों की यहां हुई बैठक में बीते सात दिन से चल रहे रेल रोको आंदोलन को वापस लेने का फैसला किया गया।
इस आंदोलन का असर 800 से अधिक रेलगाड़ियों पर पड़ा था। हजारों मुसाफिरों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। आंदोलन से प्रभावित होने वाली रेलगाड़ियों में भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस भी शामिल थी।
आंदोलन की वजह से रेलवे और अन्य एजेंसियों को 100 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता जगमोहन सिंह ने कहा, “हमने रेल रोको खत्म करने का निर्णय लिया है। अब हम पंजाब के मंत्रियों का उनके घरों और कार्यक्रमों में घेराव करेंगे।”
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और किसान नेताओं के बीच सोमवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांगों को मानने की स्थिति में नहीं है।
बादल ने कहा है कि अकाली दल-भाजपा की सरकार किसानों और खेत मजदूरों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
अकाली दल नेता और सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि बातचीत “सौहार्द्रपूर्ण माहौल” में हुई।
किसानों की मांग है कि कपास की फसल बर्बाद होने के मामले में प्रति एकड़ 40,000 रुपये का मुआवजा दिया जाए। बासमती चावल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाए और गन्ना किसानों के बकाए का तुंरत भुगतान किया जाए।