Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 न्यूजीलैंड में नस्ली मामले के खिलाफ भारतवंशी का दावा | dharmpath.com

Wednesday , 25 December 2024

Home » विश्व » न्यूजीलैंड में नस्ली मामले के खिलाफ भारतवंशी का दावा

न्यूजीलैंड में नस्ली मामले के खिलाफ भारतवंशी का दावा

वेलिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड में शराब स्टोर के मालिक ने एक पूर्व भारतीय कर्मचारी के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार के दावों का पक्ष लेने के अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की है। रविवार को जारी मीडिया रपटों से यह जानकारी प्राप्त हुई।

समाचार पत्र ‘न्यूजीलैंड हेराल्ड’ के मुताबिक, स्कॉर्पियन लिकर की मालकिन राज देवी और उनके बेटे शेन सिंह को अपने एक पूर्व कर्मचारी सतनाम सिंह को नस्लभेदी टिप्पणी के लिए 45,000 न्यूजीलैंड डॉलर यानी 31,70 डॉलर का भुगतान करने को कहा गया है। राज देवी ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है कि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया।

सतनाम ने कहा था कि उसके साथ नस्लीय दुर्व्यवहार किया गया, उसे शारीरिक क्षति पहुंचाई गई। वह ऑकलैंड के माउंट रासकिल क्षेत्र में पिछले दो महीने से कार्यरत था।

देवी और शेन सिंह ने सतनाम सिंह के इन दावों को पूरी तरह से गलत बताया है।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अदालती कार्यवाही के लिए कोई नोटिस नहीं मिला और वह मामले की मार्च में हुई सुनवाई तिथि के बारे में भी वाकिफ नहीं थे।

न्यूजीलैंड में नस्ली मामले के खिलाफ भारतवंशी का दावा Reviewed by on . वेलिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड में शराब स्टोर के मालिक ने एक पूर्व भारतीय कर्मचारी के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार के दावों का पक्ष लेने के अदालत के फैसले के ख वेलिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड में शराब स्टोर के मालिक ने एक पूर्व भारतीय कर्मचारी के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार के दावों का पक्ष लेने के अदालत के फैसले के ख Rating:
scroll to top