चेन्नई, 6 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने चौथे क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह में आई समस्या को जल्द से जल्द दूर करने में लगा हुआ है ताकि उपग्रह को जल्द लांच किया जा सके। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
1425 किलोग्राम भार वाले इस उपग्रह ‘आईआरएनएसएस-1डी’ को पूरी तरह देश में ही निर्मित रॉकेट पीएसएलवी-एक्सएल’ के जरिए नौ मार्च को ही लांच किया जाना था।
इसरो ने लेकिन चार मार्च को उपग्रह के टेलीमेट्री ट्रांसमिटरों में गड़बड़ी पाए जाने के बाद इसका प्रक्षेपण टाल दिया।
इसरो के एक अधिकारी ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कम से कम प्रयास में इस गड़बड़ी को कैसे सुधारा जा सकता है ताकि उसे जल्द से जल्द लांच किया जा सके।”
इसरो के अधिकारी के अनुसार, समाधान खोज लिए जाने के बाद ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गड़बड़ी को ठीक कर उपग्रह को प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार करने में कितना समय लगेगा।
इसरो के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी उपग्रह को गड़बड़ी के कारण रॉकेट से अलग करना पड़ा है।
इससे पहले भी रॉकेट से उपग्रहों को उतारना पड़ा है, लेकिन उसके पीछे दूसरे तरह की समस्या रही है।
भारत अब तक तीन क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रक्षेपित कर चुका है तथा पूरे देश में 1500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सटीक जीपीएस सुविधा प्रदान करने के लिए इस तरह के कुल सात उपग्रह लांच करने की योजना है।