काठमांडू, 4 मई (आईएएनएस)। विनाशकारी भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल ने सोमवार को सभी देशों के बचाव दलों को स्वदेश लौटने के लिए कहा है, वहीं भारत ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे किसी देश में उसने अबतक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है।
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप में मृतकों की संख्या बढ़कर 7,365 और घायलों की संख्या 14,366 हो गई है।
केंद्रीय प्राकृतिक आपदा राहत समिति ने सोमवार को कहा कि खोज और बचाव कार्य लगभग पूरा हो चुका है और बाकी बचे कार्य को नेपाल के बचाव दल पूरा कर लेंगे।
नई दिल्ली ने पुष्टि की है कि सभी 34 देशों के बचाव दलों को स्वदेश लौटने के लिए कहा गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, “भूकंप की घटना को नौ दिन बीत चुके हैं, इसलिए सभी 34 देशों के बचाव दलों को स्वदेश लौटने के लिए कहा गया है।”
प्रवक्ता ने कहा कि बचाव अभियान खत्म हो चुका है। अभियान का अगला चरण पीड़ितों को राहत प्रदान करना और देश का पुनर्निर्माण करना है, जो जारी रहेगा।
विदेशी बचाव दलों में भारत (962), चीन (370), पाकिस्तान (87), श्रीलंका (140), तुर्की (79), बांग्लादेश (17), इजरायल (286), नीदरलैंड (62), भूटान (62), पोलैंड (81), अमेरिका (94), जापान (98), मलेशिया (47), फ्रांस (47), स्पेन (9), दक्षिण कोरिया (14), सिंगापुर (106), थाईलैंड (54), बेल्जियम (42), रूस (87), नॉर्वे (37), ब्रिटेन (145), कनाडा (10), जर्मनी (52), यूएई (29), जॉर्डन (23), स्वीडन (72) और इंडोनेशिया (57) के दल शामिल हैं।
लगभग 700 विदेशी चिकित्सा विशेषज्ञ भी इलाज के लिए तैनात किए गए हैं।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि नेपाल में कुल 1,140 विशेषीकृत प्रशिक्षित कर्मी हैं, जिनमें नेपाल पुलिस के 240, सशस्त्र पुलिस बल के 700 और नेपाल सेना के 200 कर्मी शामिल हैं।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, घायलों की संख्या 14,366 पहुंच गई है। सर्वाधिक मौतें सिंधुपालचौक जिले में हुई हैं, जहां 2,838 ने जान गंवाई है, जबकि काठमांडू में मृतकों की संख्या बढ़कर 1,202 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप से 10,744 सरकारी इमारतें, जबकि आम जनों के 191,058 मकान धराशायी हो गए।
भीषण भूकंप के मद्देनजर आपदाग्रस्त देश ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अधिक राहत सामग्री व कोष की मांग की।
विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे ने कहा, “भूकंप प्रभावित लाखों लोगों की मदद के लिए हमें भारी मात्रा में राहत सामग्री और पुनर्निर्माण तथा विस्थापितों के लिए ज्यादा से ज्यादा फंड की जरूरत है।”
आपदा के बाद के हालात के बारे में पांडे भारत, चीन तथा अमेरिका के राजदूतों सहित नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय व कूटनीतिक समुदायों को संबोधित कर रहे थे।
नई दिल्ली में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर तालकटोरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं बुद्ध से प्रार्थना करता हूं कि भूकंप पीड़ितों को अधिक मुसीबत न झेलनी पड़े।”
भूकंप की त्रासदी झेल रहे नेपाल में मौजूदा हालात को कल्पना से परे बताया और कहा कि भारत को दुख की इस घड़ी में नेपाल का दर्द बांटना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें नेपाल वासियों का दुख बांटना चाहिए और उनके आंसू पोंछने चाहिए।”
नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय ने कहा, “विदेश में प्राकृतिक आपदा राहत व बचाव को लेकर भारत का यह अभियान ऑपरेशन मैत्री अबततक का सबसे बड़ा अभियान है।”
उन्होंने कहा, “यह केवल भारत का उच्च राजनीतिक स्तर पर गहरी प्रतिबद्धता को नहीं दर्शाता, बल्कि राज्यों ने भी बेहद व्यापक स्तर पर मदद की खासकर वे राज्य जो नेपाल की सीमा से सटे थे।”