काठमांडू, 21 जनवरी (आईएएनएस)। नेपाल में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति नहीं बनने के कारण गुरुवार को संविधान की घोषणा का टलना तय है।
द्वितीय संविधान सभा ने संविधान की घोषणा के लिए 22 जनवरी की समय सीमा तय की थी। इससे पहले पहली संविधान सभा ने संविधान की घोषणा के लिए 28 मई, 2008 व 28 मई, 2012 की समय सीमा तय की थी, लेकिन ऐसा करने में वह विफल रहा था।
संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र नेमबांग ने बुधवार को संविधान सभा में एक बैठक के दौरान कहा, “कल (गुरुवार) हम उन लोगों को क्या जवाब देंगे, जिन्होंने हमें नए संविधान के गठन का काम सौंपा था।”
इससे पहले मंगलवार को संविधान तैयार करने की 22 जनवरी की समय-सीमा से पहले संविधान सभा रणभूमि में बदल गया। विपक्षी पार्टियों ने सभा की बैठक के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों पर हमले किए, जिसके कारण दर्जनों सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
माओवादी पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूरी प्रक्रिया को बिगाड़ने का आरोप प्रधानमंत्री सुशील कोईराला पर लगाया।
काठमांडू स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, “शांतिपूर्वक लागू करने व स्थिरता बनाए रखने के लिए नेपाल के लोगों के समर्थन की जरूरत है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय तमाम पार्टियों को एक समावेशी संविधान के गठन का आह्वान करता है।”
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।