काठमांडू, 27 जनवरी (आईएएनएस)। कुछ यूरोपीय देशों के राजदूतों की नेपाल के विवादित कार्यकर्ता सी. के. राउत के साथ पिछले सप्ताह की गई मुलाकात के बाद एक कूटनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
काठमांडू, 27 जनवरी (आईएएनएस)। कुछ यूरोपीय देशों के राजदूतों की नेपाल के विवादित कार्यकर्ता सी. के. राउत के साथ पिछले सप्ताह की गई मुलाकात के बाद एक कूटनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।
राउत और कुछ यूरोपीय राजदूतों के बीच मुलाकात काठमांडू स्थित यूरोपीय कूटनीतिक दूतावास में हुई थी। इस मुलाकात पर नेपाल के कई धड़ों में खलबली मची हुई है।
यूरोपीय राजदूतों की राउत के साथ मुलाकात को राजनयिक व्यवहारकुशलता को तोड़ना करार देते हुए नेपाल सरकार ने पृथकतावादी आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ताओं से किसी भी तरह की वार्ता के खिलाफ चेतावनी दी है।
विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडेय ने यूरोपीय राजदूतों को याद दिलाया कि नेपाल में कूटनीतिक समुदाय विएना सम्मेलन के कूटनीतिक विशेषाधिकार और प्रतिरक्षा के भीतर रहकर कूटनीतिक शिष्टाचार दिखाएं और अपना कामकाज करें।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ को पांडेय ने कहा, “मैं राजदूतों से अपील करता हूं कि नेपाल सरकार द्वारा जारी कूटनीतिक आचार संहिता के दायरे में रहकर नेपाल में काम करते हुए कूटनीतिक शिष्टाचार को बनाए रखें।”
यूरोपीय राजदूतों ने साफ किया है कि उन्होंने राउत से मानवाधिकार के कुछ मुद्दों पर मुलाकात की है।
पांडेय ने कहा, “राजदूतों ने मुझे संदेश दिया है कि राउत के साथ उनकी मुलाकात राउत के आग्रह पर हुई और इससे पहले उससे कभी संपर्क नहीं साधा गया था।”
राउत को एक ‘पृथकतावादी नेता’ के रूप में जाना जाता है और 2011 से वह हिमालयी देश के दक्षिण हिस्से को पृथक देश के बनाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।
उसके निजी वेबसाइट क्राउट डॉट काम के मुताबिक, राउत ने अमेरिका से पीएचडी की डिग्री ले रखी है और कैंब्रिज में बीबीएन टेक्नोलॉजी, मैसाचुसेट्स में वैज्ञानिक के रूप में काम कर चुका है। चार वर्ष पूर्व घर लौटने के बाद उसने खास तौर से दक्षिणी नेपाल में पृथकतावादी आंदोलन शुरू किया।
स्वतंत्र मधेश गठबंधन (एआईएम) के समन्वयक राउत को पुलिस राष्ट्र विरोधी आंदोलन के लिए कई बार गिरफ्तार कर चुकी है और पिछली बार 29 दिसंबर 2014 को वह रिहा हुआ था।