काठमांडू, 3 मई (आईएएनएस)। नेपाल में मानवीय सहायता लेकर पहुंच रहे भारी विमानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध पांच दशक पुराने त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को किसी भी तरह की क्षति से बचाने के लिए लगाया गया है।
इस फैसले का मतलब है कि 196 टन से अधिक वजन के विमानों को यहां उतरने की मंजूरी नहीं होगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि कुछ पश्चिमी देशों ने राहत सामग्री लिए हुए बड़े जेट विमानों को उतरने की मंजूरी मांगी है।
हालांकि, यह प्रतिबंध निर्धारित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लागू नहीं होता।
हवाईअड्डे के सूत्रों का कहना है कि अमेरिका ने बोईंग 747 विमान में राहत सामग्री लाने की योजना बनाई थी।
हवाईअड्डा अधिकारियों का कहना है कि रनवे पर तीन दरारें देखने के बाद यह फैसला किया गया है।
नेपाल में 25 अप्रैल को आए भूकंप के बाद यहां 150 चार्टर्ड विमानों सहित 300 से अधिक बचाव उड़ाने उतर चुकी हैं।
दो सालों में यह दूसरा मौका है कि हवाईअड्डे ने इस तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
अगस्त 2013 में हवाईअड्डा प्रशासन ने बड़े और भारी विमानों को हवाईअड्डे पर उतारने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय विमानों से वैकल्पिक मार्ग खोजने को कहा था।
गौरतलब है कि पहली बार जून 2011 में हवाईअड्डे के रनवे पर इन दरारों को देखा गया था, जो तब से एक समस्या बनी हुई है।