नई दिल्ली-नेपाल की प्रतिनिधि सभा द्वारा ऐसे नए नक्शे का समर्थन करने के बाद जिसमें भारतीय क्षेत्र शामिल हैं, कांग्रेस ने कहा है कि यह राष्ट्रीय चिंता का विषय है और मांग की कि सरकार संसदीय लोकतंत्र की अपेक्षाओं के अनुरूप राष्ट्र को विश्वास में ले और रानीतिक दलों को इस पर जानकारी दे। पूर्व केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा ने कहा, “भारत-नेपाल संबंधों में हालिया घटनाक्रम और कालापानी-लिपुलेख क्षेत्र पर विवाद, नेपाल द्वारा एक नए नक्शे का प्रकाशन जिसमें इन क्षेत्रों को नेपाली क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है, यह राष्ट्रीय चिंता की बात है।”
कांग्रेस नेता ने मांग की कि केंद्र राष्ट्र को विश्वास में ले और राजनीतिक दलों के नेतृत्व को इस बारे में अवगत कराए, ‘जैसा कि संसदीय लोकतंत्र में अपेक्षित है।’
कांग्रेस ने कहा कि भारत और नेपाल आपसी सम्मान, मित्रता और विश्वास पर आधारित एक ऐतिहासिक और समय पर खरे उतरे संबंध साझा करते हैं। भारत और नेपाल के लोगों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध और साझा परंपराएं दोनों देशों के रिश्ते को अद्वितीय और विशेष बनाती हैं।
पार्टी ने कहा कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के संवेदनशील मुद्दों को पहचानने और सम्मान करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने में काफी निवेश किया है। भारत और नेपाल के बीच बातचीत के माध्यम से किसी भी विवाद और मतभेद को सुलझाने के लिए एक स्थापित द्विपक्षीय तंत्र है।
शर्मा ने कहा, “यह खेदजनक है कि वर्तमान गतिरोध इस स्तर पर पहुंच गया है, जिससे मैत्रीपूर्ण संबंध तनावपूर्ण हो गया है। इसे तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है। भारत ने हमेशा नेपाल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया है।”
कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि दोनों देशों ने सीमा के 98 प्रतिशत मुद्दों को सफलतापूर्वक सुलझा लिया है। दोनों पक्ष घनिष्ठ मित्रता और आपसी विश्वास की समान भावना से सभी विवादों को निपटाने की इच्छा व्यक्त करते रहे हैं। पार्टी का मानना है कि कूटनीति और वार्ताओं को वर्तमान मुद्दे को हल करने का मौका दिया जाना चाहिए।