काठमांडू, 3 अगस्त (आईएएनएस)। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल प्रचंड को बुधवार को नेपाल का 39वां प्रधानमंत्री चुना गया। लोकसभा अध्यक्ष ओनसारी घरती मागर ने यह जानकारी दी।
लोकसभा अध्यक्ष मागर ने संसद में कहा कि कुल 573 मत पड़े, जिनमें प्रचंड के पक्ष में 363 और विरोध में 210 मत थे।
हिमालयन टाइम्स की खबर के मुताबिक, प्रचंड को संसद की सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस और संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा एवं संघीय गठबंधन के घटक व कई छोटे दलों का समर्थन मिला।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत माओवादी लेनिनवादी) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल के सदस्यों सहित कुल 210 सांसदों ने माओवादी नेता के खिलाफ मतदान किया।
चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए प्रचंड एक मात्र प्रत्याशी थे। संवैधानिक जरूरत के तहत उन्हें मतदान की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा क्योंकि संसद में प्रधानमंत्री को सांसदों के बहुमत का समर्थन हासिल करना पड़ता है।
दहल को प्रधानमंत्री बनने के लिए 595 सदस्यों वाले सदन में 298 मतों की जरूरत थी।
प्रचंड का यह आठ साल बाद दूसरा कार्यकाल होगा। वर्ष 2008 में पहली संविधानसभा के चुनाव के बाद प्रचंड ने सरकार का नेतृत्व किया था। वह 18 अगस्त 2008 से 25 मई 2009 तक प्रधानमंत्री रहे थे।
प्रचंड का प्रधानमंत्री के रूप में पहला कार्यकाल 280 दिनों का रहा था। उन्होंने 4 मई 2009 को तब इस्तीफा दे दिया था जब राष्ट्रपति राम बरन यादव ने नेपाल के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल रुकमांगद कटवाल को हटाने के मंत्रिमंडल के फैसले को खारिज कर दिया था और कटवाल को पद पर बने रहने का आदेश दिया था।
हिमालयन टाइम्स के अनुसार, प्रचंड ने राजनीति में आने से पहले शिक्षक के रूप में काम किया था। वर्ष 1984 में पार्टी के पांचवें महासम्मेलन में वह पहली बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन) मशाल की केंद्रीय समिति में चुने गए थे। वर्ष 1985 में पोलित ब्यूरो के सदस्य और 1989 में महासचिव बने।
प्रचंड वर्ष 1991 में सीपीएन युनाइटेड सेंटर के महासचिव चुने गए जो बाद में सीपीएन माओवादी के रूप में बदल गई।