(खुसुर-फुसुर)– कभी मप्र में जलवे बिखेरने वाले नेताजी के भोपाल घर में विवाह कार्यक्रम का आयोजन था.नेताजी ने इस आयोजन के पीछे अपने पुरानों को साधने की कोशिश की.इन्होने बड़े समूहों के पत्रकारों को स्वयं फुनिया कर निमंत्रित किया और बाकियों को एसएम्एस से सामूहिक निमंत्रण दे कर्तव्य की इतिश्री कर ली.जिन्हें फुनियाया गया था वे तो उत्साहित हो कर भोज में पहुंचे लेकिन बाकी ने कन्नी काट ली.पत्रकारिता से जुड़े ये नेताजी अपने कई चेहरों के लिए विख्यात हैं.
सबसे अधिक फजीहत तो नेताओं की हुई.मुख्यमंत्री कब आयेंगे का कार्यक्रम जान कर पहले ही बधाई दे बिना खाए-पिए लोग खिसक लिए.कुछ नेता जो पेट-पूजा करने में जुट गए थे वे खाली पड़े पंडाल में मुख्यमंत्री का आमना सामना होते ही भोजन भूल अपने करियर की सलामती के लिए भजन करने लग गए.अब बेचारे वे चिंतित हैं की वे क्यों रुके वहां. अब कौन बताये उन्हें की उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं क्योंकि कौन आया,कौन गया की खबर गुप्तचर एजेंसियां पहले ही दे चुकीं थीं.