दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को नीतीश कटारा मर्डर केस के तीनों दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी. दिल्ली हाईकोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड के तीन दोषियों की याचिका पर बुधवार को फैसला सुनाया.
2002 में नीतीश कटारा को अगवा कर उनकी हत्या करने के दोषी पाए गए तीनों अपराधियों ने निचली अदालत द्वारा दिए गए आजीवन कारावास को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायाधीश जे.आर. मिधा की खंडपीठ ने पिछले वर्ष 16 अप्रैल को इस पर फैसला सुरक्षित कर दिया था.
कोर्ट तिहाड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे विकास यादव, भारती के चचेरे भाई विशाल यादव तथा पेशेवर हत्यारे सुखदेव पहलवान की याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. अभियोजन पक्ष एवं पीड़ित की मां नीलम कटारा ने भी अपराधियों की सजा बढ़ाए जाने के लिए याचिका दायर की है. वह अपराधियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग कर रही हैं.
अभियोजन पक्ष के अनुसार विकास और विशाल ने गाजियाबाद में एक विवाह समारोह से नीतीश कटारा को अगवा कर 17 फरवरी, 2002 की रात उनकी हत्या कर दी थी. अपराधियों के लिए सजा की मौत की मांग करते हुए अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में कहा कि नीतीश कटारा और भारती यादव के बीच ‘गहरे संबंध’ थे और दोनों परिवारों द्वारा उनके संबंधों को लेकर विरोध के चलते यह हत्या हुई.
विकास और भारती पूर्व सांसद डी. पी. यादव के बेटे हैं. दोनों को नीतीश की अगवा कर हत्या करने के अपराध में 2008 में सजा सुनाई गई.