न्यूयार्क, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)। भावनात्मक अतिरेक से शेयर बाजार में सिर्फ बुलबुले ही नहीं पैदा होते हैं, बल्कि हाल के एक अध्ययन के मुताबिक भावनाएं इन बुलबुलों को विकास करने में मदद भी करती हैं।
1990 के दशक में निवेशकों की भावनाओं ने डॉट कॉम बुलबुले के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसके कारण कई लोग अमीर बन गए।
कैलिफोर्निया बर्कले विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टेरांस ओडियन ने कहा, “हमने डॉट कॉम बुलबुला और 1637 के तुलिप मैनिया के साथ काफी भावनात्मक उन्माद देखा है। हम यह जानना चाहते थे कि ये उन्माद क्या बुलबुले का आकार बढ़ाते भी हैं।”
इस अध्ययन में शोधार्थियों ने प्रतिभागी निवेशकों को शेयर की खरीदी या बिक्री से पहले निवेशकों को उत्साह, शांति और डर का भाव पैदा करने वाली फिल्में दिखाईं।
जिन प्रतिभागियों ने उत्साह पैदा करने वाली फिल्में देखीं, उन्होंने आक्रामक ट्रेडिंग की और आखिरी चक्र तक शेयरों की कीमत बढ़ा दी।
जिन्होंने डरावनी फिल्में देखी, उन्होंने काफी संभलकर ट्रेडिंग की।
ओडियन ने कहा, “संपत्ति की कीमत बढ़ने से वे और उत्साहित हुए और खरीदारी में रुचि ली, जिससे कीमतें और बढ़ी।”
वास्तविक दुनिया में भी उत्साह की खबरों से कीमतें बढ़ सकती है।
अध्ययन शोध पत्रिका रिव्यू ऑफ फाइनेंस के आगामी अंक में प्रकाशित होगा।