इंफाल, 11 फरवरी (आईएएनएस)। मणिपुर की राजधानी इंफाल में सोमवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। इससे पहले रविवार को महिला विक्रेताओं और पुलिस के बीच झड़प में आठ लोग घायल हो गए थे।
रविवार को इंफाल के इमा कैथेल (मदर्स मार्केट) को महिला विक्रेताओं द्वारा घेरने पर उन्हें खदेड़ने आई पुलिस और महिला विक्रेताओं के बीच हुई झड़प में छह महिलाएं और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे थे।
घायलों को अस्पताल भेजने के बाद शाम को प्रदर्शनकारी फिर मौके पर पहुंच गए थे।
नागरिकता विधेयक को वापस लेने की मांग करने वाले विभिन्न संगठनों द्वारा रविवार को कराई गई हड़ताल के बाद राजधानी में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
इंफाल के चार महिला बाजारों के दुकानदार मंगलवार तक हड़ताल पर हैं।
सैकड़ों महिला दुकानदार मुख्य बाजार में ही सोए हुई हैं। उन्होंने विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखने की प्रतिज्ञा ली है। विधेयक में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
आलोचकों के अनुसार, अगर ऐसा हो जाता है तो पूर्वोत्तर बाहरी लोगों से भर जाएगा।
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने टायर और लकड़ी जलाकर सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। यहां तक कि मीडियाकर्मियों और अस्पतालों को भी नहीं बख्शा गया। दूध और अन्य जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को रोक दिया गया।
सरकारी कार्यालयों, बैंकों और शिक्षण संस्थानों में बहुत कम उपस्थिति रही। सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिस्ठान बंद हैं।
मुख्यमंत्री एन. विरेन सिंह गृहमंत्री राजनाथ सिंह से स्थिति पर चर्चा के लिए रविवार शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।
इस बीच सरकार ने समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया है, जिसमें दावा किया गया है कि मणिपुर में मुस्लिम आबादी 1931 के 23,864 से 2011 में 2,39,836 हो गई है। मुस्लिम आबादी में प्रति दशक 25.61 की वृद्धि हुई है।
विज्ञापन में अन्य समुदायों की आबादी का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।