कोलकाता, 15 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में 70 साल की एक बुजुर्ग नन से दुष्कर्म मामले में पुलिस अभी भी किसी अपराधी तक नहीं पहुंच पाई है। उसने पूछताछ के लिए आठ लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने जनता से अपील की है कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए वे पुलिस की मदद करें। वहीं ईसाई संगठनों ने यहां एकजुटता रैली की घोषणा की है।
त्रिपाठी ने कार्रवाई का वादा किया और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जनता से पुलिस की सहायता करने का अनुरोध किया।
त्रिपाठी ने संवाददाताओं से कहा, “राज्य सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। प्रशासन निश्चित तौर पर अपराधियों को गिरफ्तार कर दंडित करेगा। मुझे लगता है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए जनता को पुलिस का साथ देना चाहिए।”
जिला पुलिस अधीक्षक अर्णब घोष ने कहा कि आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की घोर निंदा करते हुए शनिवार को मामले की आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) से जांच का आदेश दिया और वादा किया कि अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने अपराधियों की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम की भी घोषणा की है।
वहीं, राज्य महिला आयोग ने रविवार को कहा कि कुछ दिनों से कॉन्वेंट को धमकियां दी जा रही थीं, इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
कोलकाता से 80 किलोमीटर दूर रानाघाट में शनिवार तड़के जीसस एंड मैरी कॉन्वेंट में एक बुजुर्ग नन के साथ बेहद क्रूरता से लुटेरों ने सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया।
महिला आयोग की अध्यक्ष सुनंदा मुखर्जी ने दिन में कॉन्वेंट का दौरा किया और अस्पताल में इलाज करा रही पीड़िता से मुलाकात की।
मुखर्जी ने कहा, “नवंबर महीने में एक छात्र को अनुशासनहीनता के आरोप में स्कूल से निष्कासित किया गया था, जिसके बाद शिक्षकों को धमकियां मिली थी, जिसकी शिकायत अनुमंडलाधिकारी से की गई थी।”
उन्होंने कहा, “एक सप्ताह पहले कुछ शरारती तत्व स्कूल में घुस आए और एक शिक्षिका को जान से मारने की धमकी दी। इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बात में कोई शक नहीं कि इस मामले में पुलिस ने निष्क्रियता दिखाई है।”
उन्होंने कहा कि आयोग मामले को देख रहा है और वह कर्तव्यपालन में लापरवाही बरते जाने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेगा।
इसी बीच, कोलकाता में ईसाई संगठनों ने सोमवार को एक एकजुटता रैली निकालने की घोषणा की।
कोलकाता के आर्कविशप थॉमस डिसूजा ने कहा, “हम समाज में महिलाओं के प्रति आदर व अहिंसा के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना चाहते हैं।”
इस जघन्य घटना पर राजनीति की बिसात भी बिछ गई है।
विपक्षी वाम मोर्चा ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि ममता के नेतृत्व वाली सरकार मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सूरज कांत मिश्रा ने दिन में कॉन्वेंट के दौरे के बाद कहा, “मुख्यमंत्री को जब किसी मामले को रफा-दफा करना होता है, वह जांच की बागडोर सीआईडी को सौंप देती हैं।”
वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस घटना की निंदा की और इसे सांप्रदायिक रंग देने के खिलाफ चेतावनी दी।
आरएसएस के महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने नागपुर में कहा, “सभी सभ्य समाज को ऐसी घटना की निंदा करनी चाहिए। लेकिन इसे सांप्रदायिक रंग देकर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।”
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा, “यह जघन्य कृत्य है और इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।”