नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण विधेयक से देश की वृद्धि में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होने से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रुकेगा। सिंह को उम्मीद है कि यह विधेयक अगले सप्ताह के प्रारंभ में राज्यसभा में पारित हो जाएगा।
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह का कहना है कि नए भूमि अधिग्रहण विधेयक से देश की वृद्धि में तेजी आएगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन होने से ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रुकेगा। सिंह को उम्मीद है कि यह विधेयक अगले सप्ताह के प्रारंभ में राज्यसभा में पारित हो जाएगा।
बीरेंद्र सिह (69) ने सिर्फ राजनीतिक कारणों से नए भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस को आरोपी ठहराया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार ने 2013 में जल्दबाजी में भूमि विधेयक पारित किया था, क्योंकि वे इस विधेयक से पिछले लोकसभा चुनाव में लाभ हासिल करना चाहते थे। जबकि उसमें 50 से अधिक गलतियां थीं।
नए विधेयक के लाभ गिनाते हुए बीरेंद्र ने कहा कि इसके प्रावधानों से बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, “इस विधेयक के जरिए राज्य सरकार अपने राज्यों के विकास के लिए उचित कदम उठाने में सक्षम होगी, जबकि इससे किसानों के हितों की भी सुरक्षा होगी।”
सिंह ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, “यह विधेयक एक तरफ विकास और रोजगार को अनिवार्य बनाएगा। वहीं, दूसरी तरफ इससे किसानों के हितों की भी रक्षा होगी। यह विधेयक आज के समय की जरूरत है। यदि हम अपने अवसरों को हाथ से जाने देंगे तो यह विश्व हमारा इंतजार नहीं करेगा।”
नए विधेयक से अधिग्रहण की स्थिति में भूमि मालिकों को बाजार दर की तुलना में दो से चार गुना अधिक मुआवजा मिलेगा। इसके साथ ही पुनर्वास और पुनस्र्थापना की भी व्यवस्था की गई है।
सिंह ने इस विधेयक से जुड़ी भ्रांतियों को विस्तार से बताया और कहा, “विधेयक सिंचाई नहरों, सड़कों, ग्रामीण आवास, बुनियादी ढांचों के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहित करने के लिए राज्यों और केंद्र के विभिन्न विभागों को सशक्त करेगा। प्रस्तावित औद्योगिक गलियारों से स्थानीय स्तर पर रोजगार के सृजन में मदद मिलेगी, जिससे देश के जीडीपी विकास को गति मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि यह विधेयक सरकार को निजी कंपनियों के अधिग्रहण की मंजूरी नहीं देता। लेकिन सरकार को औद्योगिक गलियारों के निर्माण की अनुमति देता है, जहां उद्योग और उद्यम विकास को बढ़ावा दे सकें।
हालांकि, पिछले दो दशकों में जीडीपी में कृषि का योगदान 30 प्रतिशत से घट कर 14.5 प्रतिशत हो गया है।
सिंह ने कहा कि नए विधेयक के लाभों को आगामी महीनों और सालों में महसूस किया जाएगा, जिससे हमारी नीतियों की उपादेयता सिद्ध होगी।
बजट सत्र के प्रारंभ में नौ आधिकारिक संशोधनों के साथ लोकसभा में भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता, पुनर्वास और पुर्नस्थापना अधिकार (संशोधन) विधेयक 2015 पारित हो गया। लेकिन राज्यसभा में राजग के अल्पमत में होने की वजह से यह पारित नहीं हो सका।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस कह रही है कि वह 2013 का कानून चाहती है। यह सिर्फ राजनीतिक हथकंडा है और इसलिए इसका राजनीतिक विरोध हो रहा है।”
सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि यह विधेयक पारित हो जाएगा। हमने प्राप्त प्रत्येक सुझावों पर ईमानदारी से विचार किया और विधेयक में नौ संशोधन किए। यदि ऐसा कुछ है, जिसमें किसानों का हित हो तो हमें उस सुझाव को स्वीकार करने में कोई परहेज नहीं है।”