नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके भारतीय मुक्केबाज अमित पंघल शुक्रवार से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुरू हो रहे एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पहली बार 52 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेंगे।
नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके भारतीय मुक्केबाज अमित पंघल शुक्रवार से थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शुरू हो रहे एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में पहली बार 52 किलोग्राम भारवर्ग में हिस्सा लेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) ने पिछले महीने ओलम्पिक से 49 किग्रा भारवर्ग को हटा दिया जिसके कारण रोहतक में जन्मे पंघल को अपने भारवर्ग में बदलाव करना पड़ा।
आईएएनएस से खास बातचीत में 23 वर्षीय पंघल ने माना कि यह उनके लिए नई चुनौती है, लेकिन उन्होंने इसपर काम किया है और उन्हें उम्मीद है कि इस टूर्नामेंट में वह सफल हो पाएंगे।
पंघल ने कहा, “यह एक चुनौती रही है क्योंकि आपको पता है कि 52 किग्रा में अधिक शक्ति और पहुंच की आवश्यकता होती है। इस पहलू पर बहुत ध्यान दिया गया है और मैंने इस पर काम किया है। इसमें अधिक शक्ति का उपयोग होता है इसलिए मैंने वजन बढ़ाने का प्रयास किया है।”
टूर्नामेंट को लेकर पंघल ने कहा, “मैं पहली बार 52 किग्रा में खेलूंगा। इस भारवर्ग में एशियाई मुक्केबाजों के बारे में जानना अच्छा है क्योंकि यह ओलम्पिक में शामिल है और इससे मुझे विश्व चैम्पियनशिप के लिए तैयारी करने में मदद मिलेगी।”
हाल में हुए दो अलग-अलग टूर्नामेंट में पदक जीतन के बाद पंघल ने कहा कि उन पर अच्छा प्रदर्शन का कोई दबाव नहीं होगा।
पंघल ने कहा, “इस श्रेणी में यह मेरा पहला टूर्नामेंट इसलिए मुझ पर अधिक दबाव नहीं है। मेरा ध्यान प्रतिद्वंद्वी को जानने पर केंद्रित रहेगा और मैं उसी के अनुसार तैयारी करूंगा।”
यह पूछे जानो पर कि टोक्यो ओलम्पिक के लिए कितने भारतीय मुक्केबाज क्वालीफाई करत पाएंगे? पंघल ने कहा, “मैं समझता हूं कि हमारी ट्रेनिंग बहुत अच्छी चल रही है। अधिकांश लड़के क्वालीफाई करेंगे। मुख्य राष्ट्रीय कोच सी.ए. कुट्टप्पा ने बहुत सारे बदलाव किए हैं और हमें अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया है। ट्रेनिंग बेहतरीन रही है और हमें कई मौके भी मिले हैं जिसके कारण मुझे विश्वास है कि हम में से अधिकांश मुक्केबाज वहा होंगे।”
पंघल ने हालांकि, एआईबीए के ओलम्पिक में पुरुष मुक्केबाजी की विभिन्न कैटगरी को 10 से आठ करने के निर्णय पर निराशा जताई।
उन्होंने कहा, “हमारे पास उन दो कैटगरी में अच्छे मुक्केबाज हैं और उन्हें खोना अच्छा नहीं था। मुझे लगता है कि यह भारतीय मुक्केबाजी को प्रभावित करेगा, लेकिन हम इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते और इसलिए हम सिर्फ तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”