Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 नए इसरो प्रमुख बढ़ाते रहे हैं देश की शान | dharmpath.com

Friday , 31 January 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » नए इसरो प्रमुख बढ़ाते रहे हैं देश की शान

नए इसरो प्रमुख बढ़ाते रहे हैं देश की शान

नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के नए प्रमुख ए.एस. किरण कुमार पहले से ही देश की शान बढ़ाते रहे हैं। वह विश्व मौसम विज्ञान संगठन व भू-अवलोकन उपग्रह समिति जैसे कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसरो का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

किरण कुमार को एक दिन पहले सोमवार को इसरो का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनके नाम पर इस पद के लिए मुहर लगाई। उनका कार्यकाल तीन वर्ष होगा।

इस पद पर नियुक्ति से पहले वह इसरो की संस्था स्पेश एप्लिकेशन सेंटर के निदेशक रहे। उन्होंने चंद्रयान-2 सहित कई वैज्ञानिक सफलताओं में अपना योगदान दिया है। वह बतौर सह-निदेशक इसरो में संचार, नौसंचालन, सूक्ष्मतरंग एवं सुदूर संवेदन नीतभारों की अभिकल्पना व निर्माण से भी जुड़े रहे हैं।

किरण कुमार इसरो प्रमुख होने के साथ ही अंतरिक्ष विभाग के सचिव तथा अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष का दायित्व भी संभालेंगे।

कर्नाटक के बेंगलुरू में 1952 में जन्मे अलुर सीलिन किरण कुमार ने नेशनल कॉलेज बेंगलुरू विश्वविद्यालय से 1971 में भौतिक विज्ञान में (मानद) डिग्री प्राप्त की। यहीं से उन्होंने 1973 में इलेक्ट्रॉनिकी में स्नातकोत्तर और इसके बाद 1975 में भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरू) से भौतिक इंजीनियरिंग में एम.टेक की उपाधि प्राप्त की।

1975 में किरण कुमार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) में काम करना शुरू किया। उन्होंने वायुवहित, लिओ और जिओ प्लेटफार्म आधारित प्रतिबिंबन संवेदकों की अभिकल्पना एवं विकास में योगदान दिया, जिसमें भास्कर टीवी नीतभार से शुरू कर चंद्रयान-1 मिशन के लिए नवीनतम टीएमसी और हाईसाई नीतभार शामिल हैं।

उन्होंने समुद्री वायुमंडलीय और ग्रहीय अध्ययनों के लिए अवलोकन प्रणाली विकसित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

किरण कुमार विश्व मौसम विज्ञान संगठन और भू-अवलोकन उपग्रह समिति जैसे कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसरो का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सह निदेशक के रूप में उन्होंने इसरो में संचार, नौसंचालन, सूक्ष्मतरंग एवं सुदूर संवेदन नीतभारों की अभिकल्पना एवं निर्माण किया।

इसरो को योगदान :

* आईआरएस-1सी से लेकर रिसोर्ससैट-1 तक के लिए तीन स्तरीय प्रतिबिंबन की संकल्पना को साकार करना।

* पीएफजेड पूर्वानुमान के लिए समुद्री रंगीन उपकरण विकसित करना।

* काटरेसेट-1 का स्टीरियो प्रतिबिंबन प्रणाली ट्रैक के साथ उच्च विभेदन

* टीईएस से काटरेसेट-2 में सब-मीटर प्रतिबिंब विभेदन प्रकाशिक प्रतिबिंबन क्षमता प्राप्त करना।

* 2 चैनल एवं 3 चैनल वीएचआरआर के मौसम नीतभार का निर्माण

* जीईओ प्लेटफार्म से तीन पीढ़ी के प्रतिबिंबक और साउंडर

* चंद्रयान-2 मिशन के लिए भू-भाग मानचित्रण कैमरा और अति स्पेक्ट्रमी प्रतिबिंबक विकसित करना।

वह कई पुरस्कारों और सम्मानों से भी नवाजे जा चुके हैं। उन्हें मिले सम्मानों पर एक नजर :

* वर्ष 1994 का इंडियन सोसायटी ऑफ रिमोट सेंसिंग पुरस्कार।

* वर्ष 1998 का वैश्विक पुरस्कार (इलेक्ट्रॉनिक साइंस और प्रौद्योगिकी )

* वर्ष 2001 के लिए एस्ट्रॉनॉटिक्ल सोसायटी ऑफ इंडिया पुरस्कार (अंतरिक्ष विज्ञान एंड एप्लीकेशन)

* इसरो वैयक्तिक सेवा पुरस्कार 2006

* अंतर्राष्ट्रीय अकादमी ऑफ एस्ट्रॉनॉटिक के लिए टीम उपलब्धि पुरस्कार 2008

* इसरो निष्पादन उत्कृष्ट पुरस्कार 2008

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

नए इसरो प्रमुख बढ़ाते रहे हैं देश की शान Reviewed by on . नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के नए प्रमुख ए.एस. किरण कुमार पहले से ही देश की शान बढ़ाते रहे हैं नई दिल्ली, 13 जनवरी (आईएएनएस)। प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के नए प्रमुख ए.एस. किरण कुमार पहले से ही देश की शान बढ़ाते रहे हैं Rating:
scroll to top