नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। देश की नई विदेश व्यापार नीति बुधवार को जारी कर दी गई।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेश व्यापार नीति-2015-20 जारी की और कहा कि 2020 तक वह विश्व व्यापार में भारत को एक महत्वपूर्ण कारक बनाना चाहती हैं।
निर्यात बढ़ाने की योजना की रूपरेखा के अंतर्गत सरकार ने सभी पुरानी निर्यात संवर्धन योजनाओं का दो योजनाओं में वर्गीकृत कर दिया है -भारत से मर्के डाइज निर्यात योजना (एमईआईएस) और सेवा निर्यात के लिए सव्र्ड फ्रॉम इंडिया योजना (एसएफआईएस)।
सेवा निर्यातकों को दी जाने वाली आयात शुल्क छूट पर्ची का उपयोग सेवा कर, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क भुगतान में किया जा सकेगा।
सीतारमण ने कहा, “इन योजनाओं (एमईआईएस, एसईआईएस) के तहत किसी भी छूट पर्ची के साथ कोई शर्त नहीं जुड़ी होगी।”
यही नहीं विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) को बढ़ावा देने के लिए उसके अंदर आने वाली इकाइयां अब एमईआईएस और एसईआईएस योजनाओं का लाभ उठा सकेंगी।
विदेश व्यापार नीति पांच साल के लिए प्रभावी रहेगी और इसकी हर साल समीक्षा होगी। पिछली नीति 2009-2014 अवधि में प्रभावी थी। वर्ष 2014 में हालांकि न तो नई नीति जारी हुई और न ही पुरानी नीति की समीक्षा की गई।