नई दिल्ली: सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है. ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में सरकार के नये आईटी नियमों के तहत सामग्री हटाने के आदेश को चुनौती दी है. ट्विटर ने कहा कि यह अधिकारियों द्वारा अपने अधिकारों के दुरुपयोग का मामला है. ट्विटर ने जून, 2022 में जारी एक सरकारी आदेश को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि सामग्री ‘ब्लॉक’ करने का आदेश ‘काफी व्यापक’ और ‘मनमाना’ है.
ट्विटर रिट याचिका से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार के कई अनुरोध कथित रूप से राजनीतिक सामग्री के खिलाफ कार्रवाई के लिये हैं. ये सामग्री राजनीतिक दलों के आधिकारिक ‘हैंडल’ के जरिये पोस्ट की गई हैं. ऐसे में इस तरह की जानकारी को ‘ब्लॉक’ करना अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन होगा, जो कंपनी ने मंच का उपयोग करने वाले लोगों को दिया है. सूत्रों ने कहा, ‘‘जिस सामग्री को ‘ब्लॉक’ करने का अनुरोध किया गया है, उसका धारा 69ए के तहत कोई लेना-देना नहीं है .
इस बारे में ट्विटर और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय को ई-मेल भेजकर सवाल पूछे गये, लेकिन फिलहाल उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘सभी मंचों को अदालत जाने का अधिकार है लेकिन कानून का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है.’’ सूत्रों ने कहा कि ट्विटर की याचिका के अनुसार धारा 69ए के तहत सामग्री ‘ब्लॉक’ करने को लेकर कई आदेश जारी किये गये, लेकिन उसमें यह नहीं बताया गया कि संबंधित सामग्री धारा 69ए का उल्लंघन कैसे करती है. उसने कहा, ‘‘ट्विटर ने अदालत से सामग्री ‘ब्लॉक’ करने आदेशों की न्यायिक समीक्षा का आग्रह किया है