नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को घोषणा की कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय निवेश समझौते पर वार्ता बहाल करेंगे क्योंकि दोनों देशों में आर्थिक विकास मजबूत हो रहा है और दोनों की आर्थिक साझीदारी मजबूत हो रही है।
नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को घोषणा की कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय निवेश समझौते पर वार्ता बहाल करेंगे क्योंकि दोनों देशों में आर्थिक विकास मजबूत हो रहा है और दोनों की आर्थिक साझीदारी मजबूत हो रही है।
मोदी ने यहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “राष्ट्रपति ओबामा और मैं सहमत हुए हैं कि हमारी रणनीतिक साझीदारी की सफलता के लिए मजबूत एवं विकासशील आर्थिक संबंध महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों में आर्थिक विकास पहले से मजबूत हो रहा है।”
उन्होंने कहा, “हमारा व्यापारिक वातावरण सुधर रहा है। इसके अतिरिक्त हमने हमारे व्यापार, कारोबार और निवेश को और ज्यादा मदद एवं अवसरों की पहचान के लिए प्रभावी द्विपक्षीय तंत्र स्थापित किया है।”
मोदी ने आगे कहा, “हम द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी अपनी वार्ता बहाल करेंगे। हम समाजिक सुरक्षा समझौता पर भी चर्चा शुरू करेंगे, क्योंकि यह अमेरिका में काम कर रहे सैकड़ों और हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
ओबामा ने अपने बयान में कहा, “हमारी आर्थिक साझेदारी बढ़ी है और इससे हमारे लोगों का दैनिक जीवन सुधरेगा। हमने द्विपक्षीय निवेश संधि की आगे चर्चा करने के लिए पहचान की है।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “प्रधानमंत्री ने मुझे ग्रामीण भारतवासियों का जीवन स्तर बैंक खाते के साथ सुधारने, साफ पानी और साफ हवा के लिए आर्थिक समृद्धि के अपने अभियान के बारे में सूचित किया है। हम इन सभी में सहायता मुहैया कराने के लिए काम कर रहे हैं।”
ओबामा ने भारत में व्यापार आसान करने वाले के लिए मोदी के हाल के सुधारों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, “मेरे पिछले भारत दौरे और संसद को दिए मेरे संबोधन के समय से व्यापार बढ़ा है और हम प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग कर रहे हैं। हमारे देशों के बीच व्यापार 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है और यह 100 अरब डॉलर होने जा रहा है।”
बाद में प्रेस को दी जाने वाली जानकारी में भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा, “हम उच्च मानक वाले द्विपक्षीय निवेश समझौते पर बातचीत बहाल करने पर सहमत हुए हैं।”
विभिन्न भारतीय औद्योगिक निकायों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अनुसार, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 2018 तक 100 अरब डॉलर पहुंचने की राह पर है।
वाणिज्य मंत्रालय का आंकड़ा दर्शाता है कि भारत का अमेरिका को होने वाला निर्यात 2001-02 के 9 अरब से बढ़कर 2014-15 में 39 अरब डॉलर के आसपास होने की उम्मीद है। पूरे वर्ष के दौरान भारत के शीर्ष निर्यात गंतव्य में अमेरिका बना रहा।
आयात के लिहाज से अमेरिका एक कदम आगे बढ़ा और 2001-3 के 3 अरब डॉलर से बढ़कर 2014-15 के दौरान 22 अरब डॉलर पहुंचा।
कुल मिलाकर भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2001-02 के 12 अरब डॉलर से पांच गुणा बढ़कर 2014-15 में 62 अरब डॉलर पर पहुंचा।
2000 से 2013 के दौरान अमेरिका से भारत की ओर बढ़ता सीधा विदेशी निवेश (एफडीआई) अनुमानत: 14 अरब डॉलर है जो भारत के कुल एफडीआई का करीब 6 प्रतिशत है।
विदेश सचिव ने यह भी कहा कि अमेरिकी व्यापार एवं विकास एजेंसी और आंध्र प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच तीन एमओयू (आपसी सहमति के सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर हुए हैं।
अमेरिका से तरल प्राकृतिक गैस और ईरान से गैस आयात करने पर सहयोग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय और आपसी हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की गई।”
यह भी उल्लेखनीय है कि अमेरिकी पक्ष ने भारत के 100 जीडब्ल्यू सौर ऊर्जा का लक्ष्य साधने की दिशा में होने वाले पहल में साझीदारी, सहयोग और वित्त मुहैया कराने में अत्यंत रुचि दिखाई है।